अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने लगभग अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत करते हुए आउटसोर्सिंग पर जमकर हमला किया और अमेरिकियों के सपने जिंदा रखने को 'वर्तमान का प्रमुख मुद्दा' बताया और विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी ओर से खड़ी की जा रही रुकावटों का मुकाबला करने का संकल्प लिया.
यह अलग बात है कि ओबामा ने मंगलवार को कांग्रेस के संयुक्त सत्र में दिए अपने तीसरे यूनियन ऑफ द स्टेट सम्बोधन में भारत का जिक्र नहीं किया, लेकिन उन्होंने चीन जैसे देशों में अनुचित व्यापारिक परम्पराओं की जांच के लिए एक व्यापार प्रवर्तन इकाई के गठन की घोषणा की.
ओबामा ने कहा, 'नहीं, हम आउटसोर्सिग, बुरे कर्ज, और नकली वित्तीय लाभों के जरिए कमजोर हुई अर्थव्यवस्था की ओर दोबारा रुख नहीं करेंगे.' इसके साथ ही ओबामा ने अपनी प्रमुख नीतियों की एक लम्बी सूची का बचाव किया, जिनमें धनी लोगों पर कर वृद्धि, वॉलस्ट्रीट सुधार, स्वास्थ्य देखभाल सुधार और सरकारी प्रोत्साहन खर्च जैसी नीतियां शामिल हैं.
ओबामा ने कहा, 'आज की रात मैं इस सम्बंध में कुछ कहना चाहूंगा कि हम कैसे आगे बढ़े, और एक ऐसी अर्थव्यवस्था का खाका तैयार करें, जिसकी बुनियाद आर्थिक हो, जो अमेरिकी विनिर्माण, अमेरिकी ऊर्जा, अमेरिकी श्रमिकों के कौशल, और अमेरिकी मूल्यों के नवीनीकरण पर आधारित हो.'
ओबामा ने कॉरपोरेट करों को कम करने और अमेरिका में रोजगार लाने के लिए अमेरिकी विनिर्माताओं को प्रोत्साहन देने तथा आउटसोर्सिग जारी रखने वाली कम्पनियों पर कर छूट समाप्त करने का आह्वान किया.
ओबामा ने कहा, 'ऐसी कम्पनियों की रियायत बंद करने का समय है, जो रोजगार दूसरे देशों में भेज रही हों, और उन कम्पनियों को पुरस्कृत करने का समय है जो अमेरिका में रोजगार सृजित कर रही हों.'
इसके साथ ही ओबामा ने एक पंक्ति और जोड़ा, जिसे वह अपने पूरे भाषण के दौरान कांग्रेस को एक चुनौती के रूप में दोहराते रहे. उन्होंने कहा, 'इन कर सुधारों को मेरे पास भेजिए, और मैं इन पर हस्ताक्षर करने को तैयार हूं.'
ओबामा ने कहा, 'हमारे समय का प्रमुख मुद्दा यह है कि उन सपनों को कैसे जिंदा रखा जाए. कोई चुनौती अधिक जरूरी नहीं है. कोई बहस अधिक महत्वपूर्ण नहीं है.'
ओबामा ने कहा कि वह उस तरह की नीतियों को वापस लाने के किसी भी प्रयास का विरोध करेंगे, जिनके कारण यह आर्थिक संकट पैदा हुआ है.
ओबामा ने कहा, 'हमारे संघ के राज्य मजबूत हो रहे हैं, और हम पीछे मुड़कर देखने की सीमा से अब बहुत आगे निकल आए हैं.' ओबामा ने कहा कि वह कार्रवाई के जरिए कांग्रेस में रिपब्लिकन के अवरोध का मुकाबला करेंगे.
कांग्रेस के रिपब्लिकन सदस्य वॉलस्ट्रीट पर नजर रखने सम्बंधी सुधार को वापस लिए जाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, जिस पर ओबामा ने 2010 में हस्ताक्षर कर उसे कानून में परिवर्तित कर दिया था. यह कानून 2007 में शुरू हुई मंदी और वित्तीय संकट की प्रतिक्रियास्वरूप अस्तित्व में आया था.
इस पर रिपब्लिकन की ओर से आधिकारिक जवाब में कंजर्वेटिव इंडियाना के गर्वनर मिच डेनियल ने कहा कि 'राष्ट्रपति के लिए यह उचित व सही नहीं है कि वह कांग्रेस में रिपब्लिकन्स पर हमला करें.'