दूसरी में पढ़ने वाली रानी इस बात से वाकिफ नहीं थी कि उसे रविवार को हुमायूं के मकबरे पर क्यों बुलाया गया है लेकिन वह इतना जानती थी कि उससे मिलने वाले शख्स ‘ अमरीक्के ’ से आये थे.
अपनी भारत यात्रा के दूसरे पड़ाव के तहत मुंबई से रविवार दोपहर राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अपनी पत्नी मिशेल ओबामा के साथ हवाई अड्डे से सीधे 16वीं शताब्दी की धरोहर हुमायूं के मकबरे पर गये.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा अपने श्रमिकों के लिये तुगलकाबाद किले में संचालित अस्थायी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ओबामा दंपती से मुलाकात करने हुमायूं के मकबरा पर बुलाया गया था.
इस दौरान बेहद गरीब परिवार के जिन 15 बच्चों से ओबामा करीब 10 मिनट तक रूबरू थे, उनमें तुगलकाबाद की रहने वाली रानी भी शामिल थी. सभी बच्चों को ओबामा ने तमगेनुमा चांदी का सिक्का और अपने दस्तखत वाला एक चिह्न तोहफे में दिया.
रानी से जब यह पूछा गया कि क्या वह जानती है कि उसे किन से मिलने बुलाया गया था तो उसने सिर्फ इतना ही कहा कि अमरीक्के से कोई आये थे. हम भी एक दिन अमरीक्के जायेंगे.
ओबामा ने इन बच्चों के साथ अपनी संक्षिप्त मुलाकात के दौरान उनसे बात की और उनका हालचाल जाना. इस दौरान बातचीत कराने के लिये एक दुभाषिये की मदद ली गयी.
तीसरी में पढ़ने वाले बृजेश ने बताया कि उसे रविवार दोपहर ही हुमायूं के मकबरे पर जाने के लिये कहा गया था. जब वह अपने माता पिता के साथ ओबामा से मिला तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने उससे झुककर हाथ मिलाया और कुछ पूछा लेकिन वह सवाल को नहीं समझ पाया.{mospagebreak}
बृजेश ने कहा कि मैं उनके दिये तोहफे से खुश हूं. इसे हम घर में सजाकर रखेंगे. 12 वर्षीय विशाल बदरपुर से एएसआई के तुगलकाबाद स्थित अस्थायी स्कूल में पढ़ने जाता है.
उसने कहा कि हम ओबामा के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं लेकिन सिर्फ इतना पता है कि वह हिंदुस्तान के लिये अहमियत रखते हैं. हम उनसे हाथ मिलाकर बेहद खुश हैं. आज का दिन हमें हमेशा याद रहेगा.
हुमायूं के मकबरे पर ही एएसआई के लिये काम करने वाले विशाल के पिता राम कुमार ने बताया कि इतनी बड़ी हस्ती के लिये जब बड़े-बड़े लोग मौजूद हों तो मुलाकात का मौका मिलना हमारी खुशकिस्मती है.
मिस्त्री का काम करने वाली लक्ष्मी को प्रथम महिला मिशेल से मुखातिब होने का मौका मिला. ओबामा दंपती से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर लक्ष्मी ने कहा कि हमें तो उनकी (ओबामा की) बहू ज्यादा अच्छी लगी. ओबामा ने इस धरोहर स्थल पर करीब 45 मिनट बिताये और इमारत के वास्तुशिल्प की तारीफ की.