अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की नई राष्ट्रीय रक्षा नीति में एशिया प्रशांत क्षेत्र पर विशेष जोर दिए जाने पर चीनी मीडिया ने चिंता जताते हुये कहा है कि चीन को खतरा मानकर नीतियां बनाने से अमेरिका और चीन के बीच सैन्य तनाव बढ़ सकता है.
चीन के सरकारी अखबार चाइना डेली में छपी खबर के अनुसार अमेरिका अब एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपने हितों को साधने के लिये भारत से अपना रणनीतिक सहयोग बढ़ायेगा. चीन के अनुसार अमेरिका चीन की प्रगति से घबरा रहा है और उसे लगता है कि इससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को खतरा है.
चीन के अंतराष्ट्रीय संबंध संस्थान के प्रो. युआन पेंग ने कहा कि अमेरिका के कदम से दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव पैदा होने की आशंका है. उन्होंने कहा कि हालांकि यह नीति चीन को केंद्र में रखकर नहीं तैयार की गई है पर दस्तावेजों को समझकर लगता है कि चीन को भी ईरान की तरह माना जा रहा है.
बीजिंग स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के प्रो. जु हुई ने कहा कि जब एशिया प्रशांत क्षेत्र अन्य इलाकों के मुकाबले शांत रहा है तो अमेरिका इस क्षेत्र में अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है. हालांकि अमेरिका की इस नयी रक्षा नीति पर चीनी सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. सरकार ने पहले ही कहा था कि वह अमेरिका का इस क्षेत्र में सकारात्मक भूमिका निभाने के लिये स्वागत करती है पर अमेरिका दक्षिण चीन सागर संबंधी विवाद में हस्तक्षेप न करे.