फेसबुक, गूगल और यू ट्यूब समेत 21 सोशल नेटवर्किंग साइटों को उस समय एक और झटका लगा जब दिल्ली की एक अदालत ने वेबसाइटों पर कथित तौर पर आपत्तिजनक सामग्री प्रदर्शित करने के मामले में सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने को कहा है.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार ने एक निजी आपराधिक शिकायत पर संज्ञान लेते हुए केंद्र से इस विषय में तत्काल उपयुक्त कदम उठाने और 13 जनवरी तक अदालत में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
अदालत का यह आदेश उस समय आया है जब तीन दिन पहले ही एक अन्य अदालत ने फेसबुक, गूगल और यू.ट्यूब को ‘धर्म विरोध’ या ‘असामाजिक’ सामग्रियों को वेबसाइट पर प्रदर्शित करने के मना किया था जो घृणा और साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाते हों.
ताजा मामले में अदालत ने कहा, ‘ दस्तावेजों को देखने से ऐसा लगता है कि प्रथम द्रष्टया आरोपी आपस में मिलकर या अज्ञात लोगों के साथ ऐसी अभद्र समग्रियों को बेच रहे थे या सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित कर रहे थे. ऐसा लगता है कि यह इसे देखने, पढ़ने और सुनने वाले लोगों को विकृत बनाने के लिए किया गया.’