माओवादियों के दबाव के बाद ओडिशा सरकार ने अपहृत विधायक और एक इतालवी की रिहाई के बदले रिहा किए जाने वाले आठ नक्सलियों तथा 19 अन्य लोगों के नामों की घोषणा की, वहीं माओवादियों ने मांगों को पूरा करने के लिए अपनी समयसीमा को सात अप्रैल तक बढ़ा दिया.
एक माओवादी ने टेलीफोन पर कुछ मीडियाकर्मियों को बताया कि समयसीमा को बढ़ाकर सात अप्रैल कर दिया गया है जो आज शाम समाप्त होना था. सूत्रों ने कहा कि आंध्रप्रदेश ओडिशा सीमा पर विशेष भाकपा (माओवादी) क्षेत्रीय समिति के नेता ने विधायक के फोन का इस्तेमाल कर मीडिया को समयसीमा को बढ़ाये जाने के बारे में जानकारी दी. इसी संगठन ने विधायक हिकाका का अपहरण किया हैं.
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने विधानसभा में 27 कैदियों के नामों की घोषणा की जिन्हें जल्द ही रिहा किया जायेगा. इसमें से 15 माओवादी समर्थित चासी मुलिया आदिवासी संघ, आठ नक्सली और चार ओडिशा राज्य भाकपा (माओवादी) संचालन समिति के सदस्य हैं.
पटनायक ने कहा, ‘जैसा कि आप देख रहे हैं कि सरकार ने मानवीय दृष्टीकोण से पहल की है. मुझे उम्मीद है कि माओवादी भी इसी भावना का परिचय देंगे.’ उन्होंने कहा कि जिन आठ माओवादियों को रिहा किया जायेगा उनमें से छह ओडिशा से और दो आंध्रप्रदेश से हैं. आधंप्रदेश के माओवादी का नाम मुर्ला नीलम रेड्डी और उसकी पत्नी सेतु पांगी है.
इटली के नागरिक की रिहाई के बदले सुभाश्री दास उर्फ मिलि पांडा, उसकी पत्नी सब्यसाची पांडा शामिल हैं. एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘हालांकि माओवादी समूहों को जेल में बंद लोगों की रिहाई पर अभी जवाब देना है, सरकार को विधायक और इतालवी के अपहर्ताओं से कुछ सकारात्मक सूचना मिलने की उम्मीद है.’
ओडिशा सरकार ने बुधवार को कहा था कि सरकार माओवादी समर्थक चासी मूलिया आदिवासी संघ के 15 सदस्यों, आठ वामपंथी चरमपंथियों और भाकपा (माओवादी) की ओडिशा राज्य आयोजन समिति के चार लोगों को रिहा करेगी. पटनायक ने माओवादियों से फिर से अपील की थी कि वे हिकाका और बुसुस्को को रिहा कर दें और उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाएं.
हिकाका के अपहरण के लिए जिम्मेदार भाकपा (माओवादी) की द आंध्र ओड़िशा बार्डर स्पेशल जोनल कमेटी ने अपनी मांगों को पूरा किए जाने के लिए आज तक की समयसीमा दी है. बुसुस्को को बंधक बनाए बैठे दूसरे माओवादी संगठन ने धमकी दी है कि यदि उसे रिहा कराने के लिए कोई अभियान चलाया गया तो इतालवी को खतरा हो सकता है.