ओडिशा में नक्सलियों द्वारा सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के एक विधायक को अगवा किए जाने और एक पुलिस अधिकारी की हत्या के बाद इटली के अपहृत दो नागरिकों की रिहाई के लिए जारी बातचीत शनिवार को स्थगित कर दी गई.
घटना के तीसरे दिन कई घंटों की चर्चा के बाद सरकार द्वारा नियुक्त मध्यस्थों और नक्सलियों द्वारा नियुक्त वार्ताकारों ने बातचीत स्थगित होने की घोषणा की. दोनों पक्षों ने कहा कि वार्ता अस्थाई तौर पर स्थगित की गई है. दोनों पक्षों ने हालांकि, यह नहीं बताया कि बातचीत दोबारा कब शुरू होगी.
नक्सलियों की ओर से नियुक्त मध्यस्थ सामाजिक कार्यकर्ता दंडपाणि मोहंती व जनजातीय विशेषज्ञ बी.डी. शर्मा ने वार्ता में खलल डालने के लिए सरकार एवं नक्सलियों दोनों को जिम्मेदार ठहराया. मोहंती एवं शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि नक्सलियों द्वारा इटली के दो नागरिकों को अगवा किए जाने के बाद प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी ने युद्ध विराम की घोषणा की और सरकार ने भरोसा दिया कि नक्सलियों की ओर से जबतक हिंसा नहीं की जाती है तबतक सुरक्षा बल उनके ऊपर सख्त कार्रवाई नहीं करेंगे.
मध्यस्थों ने कहा, 'लेकिन स्थिति यह है कि जब हम भुवनेश्वर में चर्चा कर रहे हैं तो बातचीत के माहौल को दूषित करने के लिए राज्य के कई हिस्सों में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हो रही हैं. हमारा मानना है कि यह शांतिपूर्ण वार्ता का मजाक है.'
उन्होंने कहा, 'इसलिए, हमने बातचीत स्थगित रखने का सुझाव दिया है.' वहीं, सरकार की ओर से नियुक्त वार्ताकार राज्य के गृह सचिव यू.एन. बेहरा ने कहा कि नक्सलियों द्वारा नामित मध्यस्थों के अनुरोध पर बातचीत स्थगित करने का निर्णय लिया गया है.
ज्ञात हो कि करीब 100-150 नक्सलियों ने शनिवार तड़के राजधानी भुवनेश्वर से 500 किलोमीटर दूर कोरापुट व लक्ष्मीपुर के बीच एक पहाड़ी इलाके से बीजद के विधायक 37 वर्षीय झिना हिकाका का अपहरण कर लिया. इसके पहले नक्सलियों ने गत 14 मार्च को इतालवी बोसुस्को पाउलो (54) व क्लॉडियो कोलांजेलो (61) को गंजाम व सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील कंधमाल जिले की सीमा से अपहरण कर लिया. इटली के नागरिकों की रिहाई के लिए नक्सलियों ने जनजातीय इलाकों में पर्यटकों की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने, नक्सल विरोधी अभियान रोकने और नक्सली कैदियों को छोड़ने सहित 13 मांगें रखी हैं.
नक्सलियों ने गुरुवार देर रात मलकानगिरी में एक पुलिस उप-निरीक्षक की गोली मारकर हत्या कर दी.
उल्लेखनीय है कि विधायक के अपहरण और पुलिस अधिकारी को गोली मारने की घटना तब हुई है जब राज्य के अधिकारी नक्सलियों द्वारा सुझाए गए दो मध्यस्थों के जरिए इतालवी नागरिकों को मुक्त कराने के लिए उनसे बातचीत कर रहे थे.