ओडिशा में पिछले 10 दिनों से नक्सलियों के कब्जे में मौजूद अपने विधायक की रिहाई के लिए बीजेडी सरकार ने नक्सलियों की मांगें मान ली हैं. राज्य सरकार ने जेलों में बंद 27 कैदियों को छोड़ने का फैसला किया है, जिसमें 8 नक्सली भी हैं.
आखिरकार ओडिशा सरकार को माओवादियों के सामने झुकना ही पड़ा. माओवादियों की मांगों को मानते हुए ओडिशा की बीजेडी सरकार ने बंधक बनाए गए बीजेडी विधायक झिना हिकाका और इटली के एक नागरिक पाउलो बोसुस्को को सुरक्षित छुड़ाने के लिए जेल में बंद 27 लोगों को रिहा करने का फैसला किया है.
नक्सलियों ने 14 मार्च से इटली के एक टूर ऑपरेटर पाउलो बोसुस्को को और 24 मार्च से बीजू जनता दल के विधायक झिना हिक्का को बंधक बनाए हुए हैं और इनकी रिहाई के एवज में नक्सली नेताओं तथा राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे थे.
राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने विधानसभा में कहा कि विधायक झीना हिकाका को छुड़ाने के लिए राज्य सरकार ने आठ नक्सलियों और चासी मुलिया आदिवासी संघ के 15 लोगों की रिहाई में सहयोग करने का फैसला किया है.
माओवादियों की मांगों के सामने राज्य सरकार के नतमस्तक होने के बाद कांग्रेस को राज्य की बीजेडी सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है. कांग्रेस नवीन पटनायक पर नक्सलियों से मिलीभगत का आरोप लगी रही है.
इतालवी नागरिक पाउलो बोसुस्को को नक्सलियों से छुड़ाने के लिए भी 4 लोगों को रिहा किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक जेल से रिहा किए जाने वाले लोगों के नाम एक-दो दिनों में जाहिर किए जा सकते हैं.