विधानसभा चुनावों के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ सकते हैं. पेट्रोल की कीमतों में 4 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम 2 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाए जा सकते हैं.
तेल कंपनियों के मुताबिक अभी उन्हें एक लीटर पेट्रोल पर करीब चार रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. पिछली बार दिसंबर 2011 में पेट्रोल की कीमतों की समीक्षा की गई थी लेकिन उसके बाद विधानसभा चुनावों की वजह से कीमतों में छेड़छाड़ नहीं की गई लेकिन अब जनता पर सरकारी कंपनियों की ये मेहरबानी ज्यादा दिन नहीं रहेगी.
तेल कंपनियों के मुताबिक दिसंबर से अब तक उन्हें करीब 900 करोड़ का नुकसान हो चुका है और अब घाटे का बोझ संभालना मुश्किल है. तेल कंपनियों का संकेत साफ है, पेट्रोल के दाम बढ़ने वाले है. तेल कंपनियां के मुताबित डीजल की कीमत भी बजट सत्र के बाद बढ़ाई जा सकती है.
कंपनियों को फिलहाल एक लीटर डीजल पर 12 रुपये 77 पैसे का घाटा हो रहा है. यही हाल केरोसिन और एलपीजी का भी है. डीजल, केरोसिन और एलपीडी पर तेल कंपनियों को हर रोज 410 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है. पेट्रोल डीजल की कीमतों में इजाफे का फैसला मंत्रियों के समूह को लेना है लेकिन अभी तक इनकी बैठक तय नहीं है.