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पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी फिलहाल टली

तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत बढ़ाने का फैसला एक दिन के लिए टाल दिया है. तेल कंपनियों ने सरकार से एक्साइज़ ड्यूटी में कटौती की मांग की है. इसके लिए रविवार शाम तक की मोहलत दी गई है.

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तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत बढ़ाने का फैसला एक दिन के लिए टाल दिया है. तेल कंपनियों ने सरकार से एक्साइज़ ड्यूटी में कटौती की मांग की है. इसके लिए रविवार शाम तक की मोहलत दी गई है.

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अब सरकार के हाथ में है कि वो अगले 24 घंटों में जनता को राहत देने का फैसला करती है या फिर महंगाई की मार से बेहाल जनता एक और जबरदस्त मार झेलने को मजबूर होगी.

पेट्रोल का गणित बड़ा उलझाऊ है. तेल कंपनियां कहती हैं कि उन्हें घाटा हो रहा है, वे कीमत बढ़ाने की गुहार लगाती हैं. उधर, सरकार तमाम मजबूरियां गिनाती हैं, लेकिन पेट्रोल की कीमत के गणित पर गौर करें, तो अब भी सरकार टैक्स का बोझ कम कर तेल की कीमतें काबू में ला सकती है. तेल के मुद्दे पर अब सियासी तेवर भी गर्माने लगे हैं.

अगर तेल कंपनियों की चली, तो आम जनता कराहेगी, ये तो तय है. पेट्रोल की कीमतें अगर मांग के मुताबिक 9 रुपए बढ़ा दिए गए, तो देखि क्या होंगी नई कीमतें:

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मुंबई में इस वक्त पेट्रोल की कीमत 70.66 रु प्रति लीटर है. 9 रुपए कीमत बढ़ी, तो ये 79.66 रुपए प्रति लीटर होगी. वहीं दिल्ली में 65 रु 64 पैसे से कीमत बढ़कर 74 रुपए 64 पैसे हो सकती है, जबकि चेन्नई में पेट्रोल के दाम 69 रुपए 55 से बढ़कर 78 रुपए 55 पैसे प्रति लीटर हो सकते हैं.

कोलकाता में अभी जो पेट्रोल 70 रुपए तीन पैसे की दर से मिल रहा है, वही पेट्रोल कीमत बढ़ने के बाद 79 रुपए से तीन पैसे की दर पर मिलेगा.

तेल कंपनियों ने मांग की है कि सरकार पेट्रोल पर लगने वाले कर में कटौती करे. अगर तेल पर लगने वाले टैक्स पर गौर करें, तो दिल्ली में पेट्रोल पंप पर तेल 38.42 पैसे की दर से पहुंचता है. उसपर 14.35 पैसे सेल्स टैक्स और 3फीसदी एजुकेशनश सेस लगता है. यानी पेट्रोल की कीमत 14 रुपए 78 पैसे ब़ढ़ जाती है, इस पर डीलर कमीशन होता है 1.50 रुपए का. फिर दिल्ली में वैट लगता है 20 फीसदी इससे कीमत बढ़कर पहुच जाती है 65 रुपए 64 पैसे तक.

पेट्रोल की कीमत बढ़ने के आसार से आम जनता की आह निकली, तो कई राजनीतिक पार्टियां उनकी आवाज उठाने लगी. एक सुर में कहा कि ऐसे ही पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ते रहे तो जनता का बंटाधार तय है.

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सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को पेट्रोल की प्रति लीटर बिक्री पर होने वाला नुकसान 7.65 रुपये पर पहुंच गया है. बहरहाल, सरकार की तरफ से शुल्क में कमी और सब्सिडी मुआवजा के बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं होने की वजह से कंपनियां असमंजस में हैं.

एक प्रमुख पेट्रोलियम कंपनी के अधिकारी ने कहा, ‘हमें पेट्रोल पर प्रति लीटर 7.65 रुपये का नुकसान हो रहा है. इसमें 20 प्रतिशत का बिक्रीकर जोड़ने के बाद दिल्ली में पेट्रोल के दाम 9.18 रुपये प्रति लीटर बढ़ाने की जरूरत होगी.’

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने सरकार से कहा है कि यदि वह खुदरा मूल्य में बढ़ोतरी नहीं चाहती है, तो उसे नुकसान की भरपाई करनी चाहिए. साथ ही कंपनियों ने पेट्रोल पर 14.35 रुपये प्रति लीटर के उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग की है.

अधिकारी ने कहा, ‘हमने सरकार को साफ कर दिया है कि यदि इन मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो हमारे पास पेट्रोल के दाम बढ़ाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचेगा.’ इंडियन आयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम प्रत्येक पखवाड़े खुदरा कीमतों की समीक्षा करती हैं.

तेल कंपनियां संभवत: रविवार को कीमतों की समीक्षा करेंगी. पेट्रोल कीमतों में दिसंबर में आखिरी संशोधन के समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम 109 डालर प्रति बैरल थे, जो इस समय 134 डालर प्रति बैरल पर पहुंच चुके हैं. पेट्रोलियम कंपनियों ने एक दिसंबर को पेट्रोल कीमतों में 0.78 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी. दिल्ली में आईओसी के पेट्रोल पंप पर फिलहाल पेट्रोल का दाम 65.64 रुपये प्रति लीटर है. बीपीसीएल और एचपीसीएल के पंपों पर कीमतों में कुछ पैसे का अंतर है.

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