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अद्भुत आतिशबाजी के साथ ग्वांग्झू ने कहा अलविदा

भावनाओं के भंवर में बहते चीन ने शानदार आतिशबाजी के बीच शनिवार को पर्ल नदी के हेईशिंशा द्वीप पर रंग, संगीत और सांस्कृतिक विरासत के अद्भुत संगम के बीच अब तक के सबसे बड़े एशियाई खेलों को अलविदा कहा.

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भावनाओं के भंवर में बहते चीन ने शानदार आतिशबाजी के बीच शनिवार को पर्ल नदी के हेईशिंशा द्वीप पर रंग, संगीत और सांस्कृतिक विरासत के अद्भुत संगम के बीच अब तक के सबसे बड़े एशियाई खेलों को अलविदा कहा.

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12 नवंबर को यहीं उद्घाटन समारोह में चीन ने अपनी तकनीकी दक्षता दिखाई थी लेकिन समापन समारोह में चीन के इस दक्षिणी शहर की जनता ने अपने जोश से लोगों का मन मोह लिया.

इन खेलों आयोजन से ग्वांग्झू के बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व सुधार हुआ जहां भारत ने पदक के लिहाज से एशियाई खेलों का अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. भारत 14 स्वर्ण, 17 रजत और 33 कांस्य पदक सहित रिकार्ड 64 पदक जीतकर छठे स्थान पर रहा. इसके साथ ही उसने 1982 में दिल्ली एशियाई खेलों में जीते 57 पदकों के आंकड़े को भी पीछे जोड़ दिया.

समापन समारोह का इस्तेमाल मेजबान देश ने महाद्वीप की सांस्कृति विरासत की झलक पेश करने के लिए भी किया जिसमें दक्षिण एशियाई का प्रतिनिधत्व करते हुए भारतीय गायकों रवि त्रिपाठी और तान्या गुप्ता ने दर्शकों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी. {mospagebreak}

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मेजबान चीन इन खेलों में वैश्विक खेल महाशक्ति के अपने सिंहासन को बरकरार रखते हुए 199 स्वर्ण सहित 400 से भी अधिक पदक जीतकर चोटी पर रहा. कोरिया चीन से काफी पीछे दूसरे स्थान पर रहा जबकि जापान ने तीसरा स्थान हासिल किया. समापन समारोह में किलिंग (सौभाग्य का प्रतीक जानवर) के नृत्य ने सभी को हैरान किया जबकि एक्रोबैटिक्स और नृत्य के साथ खेलों की सफलता का जश्न मनाया गया.

नृतकों ने इस दौरान ‘ड्रैगन ड्रंक आन द पर्ल रीवर’, ‘पेंटिंग आफ ट्वाय फिगरिंग इन इमोशन’ और ‘विंड आफ याओ एथेनिक ग्रुप’ पर नृत्य पेश किया जबकि घोंघे के आकृति वाली स्क्रीन पर एशियाई खेलों के मैदान पर हुई प्रतिस्पर्धा की झलक दिखाई गई.

इसके बाद चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ और एशियाई ओलंपिक परिषद के प्रमुख शेख अहमद अल फहद अल सबाह ने चीन के मिल्रिटी बैंड की धुन के बीच आयोजन स्थल में प्रवेश किया. पांच सितारों वाला चीन का लाल ध्वज देश के राष्ट्रीय गीत के साथ फहराया गया. सेना के बैंड ने राष्ट्रगान की धुन निकाली थी. इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हुआ जिसमें सपनों जैसा माहौल तैयार किया गया जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. {mospagebreak}

तेजी से बदलते रंगों और पानी में तैरती आकृतियां किसी परीकथा से कम नहीं थे. मुस्कराते बच्चे का चेहरा अवतरित हुआ तो लोगों की सांसे थम गयी क्योंकि कुछ देर बाद ही वह एक करोड़ की जनसंख्या वाले इस शहर की प्रतिनिधित्व करने वाली खूबसूरत बालिका बन गयी जो रात में सितारों के बीच चांद जैसी जगमगा रही थी. उसने जैसे ही अपने हाथ फैलाये सभी तारे और चांद भी उसके हाथों में आ गये. उसने फिर इन्हें केंद्र में खेलों के मशाल टावर की तरफ इन्हें फेंका.

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जैसे ही वे मैदान पर गिरे कई तरफ से बच्चों ने आकर एशियाई खेलों का प्रतीक बनाया. आधे चंद्रमा की शक्ल वाले जहाज पर बच्चे गा रहे थे और वह आगे तैर रहा था. इस बीच सैकड़ों गायक अपने हाथों में सितारों को लेकर दो तरफ से चार समूहों में अवतरित हुए. एक युवा गायक ने अपने हाथ में लिंगनान शैली की लालटेन पकड़ रखी थी जिसे बांस से बनाया गया था. {mospagebreak}

इसके तुरंत बाद कई रंगों का प्रकाश ने दृश्य को रंगीन बना दिया. बच्चों के हाथों में ये प्रकाश यंत्र थे जो वे इस तरह से इनको चमका रहे थे मानो समुद्र से प्रकाश निकल रहा हो. भारत की प्रस्तुति इसके बाद पेश की गयी जिसमें पवित्र नदी गंगा नाव के आकार की स्क्रीन पर अवतरित हुई. गंगा को भारत के कई प्रमुख मंदिरों से गुजरते हुए दिखाया गया. स्क्रीन पर इस बीच ताज महल और आधुनिक वास्तुकला की छवि भी देखने को मिली.

काई युशान और शी चुहांग की अगुआई में कई नृतकों ने रवि और तान्या के गानों पर कदम थिरकाये जबकि खेलों की मशाल की मीनार के समीप पेश किये गये मोटरसाइकिल स्टंप सांस रोक देने वाले थे. भारतीय फूलों के बाद 100 पुरुषों ने दो समूहों में नृत्य किया जबकि इस दौरान उनके आगे बाइक पर हैरतअंगेज स्टंट चलते रहे.

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जब दोनों भारतीय गायक गाते हुए आगे की ओर आये तो पुरुष नृतकों ने मशाल की मीनार के दोनों और दौड़ते हुए त्रिकोण बनाया जबकि लगभग 200 महिला नृतकों ने दो समूहों में भारत की विभिन्न नृत्य शैलियों को पेश किया. पुरुष और महिला नृतकों ने इसके एक साथ मिलकर बालीवुड शैली के नृत्य पेश किये. {mospagebreak}

एशियाई खेलों में खिलाडियों के प्रदर्शन और पदक समारोहों की झलक दिखाए जाने से पहले महाद्वीप के अन्य क्षेत्रों के कलाकारों ने भी सांस्कृतिक छठाएं बिखेरी. सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने मंच पर गाते और नाचते हुए विभिन्न मानव आकृतियां बनाई. इसके बाद खिलाड़ियों के आने के साथ समारोह का औपचारिक कार्यक्रम शुरू हो गया.

भारतीय तिरंगा झंडा स्वर्ण पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह थामे हुए थे. विजेंदर ने झंडा बाएं हाथ से पकड़ा हुआ था क्योंकि उनके दाएं हाथ के अंगूठे में शुक्रवार रात फाइनल बाउट के दौरान चोट लग गई थी. ओसीए अध्यक्ष शेख अल सबाह ने चीनी ओलंपिक समिति के अध्यक्ष लियु पेंग, एशियाई खेलों की आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष हुआंग हुआहुआ ओर ग्वांग्झू के मेयर वान किंगलियांग के साथ मिलकर मुख्य भाषण दिया और 16वें एशियाई खेलों के समापन की घोषणा की. {mospagebreak}

ओसीए का झंडा नीचे किए जाने के बाद ‘ओसीए थीम’ बजाई गई जिसके बाद वर्ष 2014 के मेजबान देश दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय ध्वज को फहराया गया. इस मौके पर कोरियाई ओलंपिक समिति के उपाध्यक्ष और इंचियोन खेलों की आयोजन समिति के प्रमुख मौजूद थे. ग्वांग्झू मेजर किंगलियांग ने एशियाई खेलों की मशाल ओसीए प्रमुख को सौंपी जिसके बाद उन्होंने इसे फिर इंचियोन के मेयर को दे दिया.

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इसके बाद दिल्ली में 1951 में पहले एशियाई खेलों में फहराए गए ध्वज और ओसीए ध्वज को कोरियाई प्रतिनिधियों को सौंपा गया. कोरिया ने मार्शल आर्ट्स ताइक्वांडो सहित कई अन्य कार्यक्रम प्रस्तुत किए और इस दौरान स्क्रीन पर ‘वेलकम ट्र इंचियोन’ और ‘सी यू एट इंचियोन इन 2014’ लिखा था. समापन समारोह के अंत में आयोजन स्थल पर जबर्दस्त आतिशबाजी हुई जिससे पूरा आकाश रंगीन रोशनी से जगमगा उठा.

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