पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू का मानना है कि अब जबकि वीरेंद्र सहवाग ने खुद को इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने के लिये फिट घोषित कर दिया है तब यह बीसीसीआई का दायित्व बनता है कि वह इस सलामी बल्लेबाज की चोट पर स्थिति स्पष्ट करे.
प्रायोजकों ने इस ट्वेंटी-20 लीग में स्टार क्रिकेटरों को देखने के लिये अरबों रुपये खर्च किये हैं. सिद्धू ने कहा, ‘यह बोर्ड का दायित्व बनता है. वह भारतीय क्रिकेट बोर्ड है जिसने उसे प्रायोजकों के पास बेचा जिन्होंने सहवाग, सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह के लिये अरबों खर्च किये हैं. इसलिए केवल क्रिकेटरों को दोष देना ठीक नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं आपको बताउंगा कि बोर्ड क्यों नहीं कह सकता. क्योंकि उसने प्रायोजकों से पैसा लिया है और यह धनराशि थोड़ी नहीं है बल्कि अरबों रुपये में है.’
सिद्धू ने कहा, ‘उदाहरण देख लीजिए. आपने फिल्म के लिये अक्षय कुमार को अनुबंधित किया लेकिन बाद में आप कहते हो कि अक्षय की जगह पर कनाट प्लेस का कोई जगजीत सिंह अभिनय करेगा. कोई नहीं जानता कि जगजीत सिंह कौन है. कोई नहीं जानता कि हीरो कौन है. प्रायोजकों ने आपको इसलिए पैसा दिया है क्योंकि वे अक्षय कुमार को देखना चाहते है और वह लोगों को खींचेगा. वह आकर्षण का केंद्र है इसलिए आप उसे बाहर नहीं रख सकते.’
श्रीकांत ने जहां कहा कि सहवाग को कंधे की चोट के कारण विश्राम दिया गया है वहीं इस सलामी बल्लेबाज ने कहा कि पीठ दर्द के कारण उन्होंने फिजियो की सलाह पर विश्राम लिया है. सिद्धू ने कहा कि यह आपसी सहमति है जिसमें बीसीसीआई और क्रिकेटर दोनों को फायदा होता है.
उन्होंने कहा, ‘यह आपसी सहमति है. ऐसी सहमति जिसमें दोनों पक्ष को फायदा होता है. बोर्ड को इसलिए फायदा होता है क्योंकि इससे लाभ मिलता है पैसा मिलता है और क्रिकेटरों को भी फायदा होता है क्योंकि कितने क्रिकेटर ऐसे हैं जो इरफान या यूसुफ पठान की तरह डेढ़ महीने में दस करोड़ रुपये कमाएंगे.’