एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस चलाने वाली रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने इस सेवा को अस्थायी रूप से बंद करने से कुछ दिन पहले शहरी विकास मंत्रालय को आगाह किया था कि इस लाइन का परिचालन 'असुरक्षित' है और गति घटाने से इसकी वित्तीय स्थिति पर 'प्रतिकूल' असर पड़ रहा है.
इस 23 किलोमीटर लंबे हाइस्पीड कॉरीडोर पर परिचालन आठ जुलाई को रोक दिया गया था. रिलायंस इन्फ्रा ने परियोजना के निर्माण ढांचे में कमियां नजर आईं जिसे दिल्ली मेट्रो ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत बनाया था.
वहीं दिल्ली मेट्रो ने कंपनी के तर्क को खारिज करते हुए कहा था कि रिलायंस इन्फ्रा निर्माण ढांचे में कमियों के मुद्दे को बढ़ाचढ़ाकर पेश कर रही है ताकि रियायती समझौते से निकलने का मौका पा सके. शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने इस कोरिडोर के बारे में जो स्थिति रिपोर्ट प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 11 जुलाई को भेजी उसमें उक्त बात कही गई हैं.
उन्होंने कहा है कि रिलायंस इन्फ्रा के अधिकारियों ने शहरी विकास सचिव सुधीर कृष्णा से मुलाकात कर निर्माण ढांचे में कमियों से जुड़े फोटो उन्हें सौंपे थे. इसके अनुसार, 'दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट ने सूचित किया कि परियोजना का परिचालन न केवल असुरक्षित है बल्कि जान माल के लिए खतरनाक भी है. डीएमआरसी ने सलाह दी थी कि गति कम कर सेवा जारी रखी जाए.'
कंपनी के पत्र के हवाले से कमलनाथ ने कहा, 'गति घटाने से यात्रियों की संख्या घटी और इसके वित्तीय पहलू पर प्रतिकूल असर पड़ा.' इसके अनुसार 28 जून को समीक्षा बैठक में दिल्ली मेट्रो के प्रमख मंगू सिंह ने कहा, 'कंपनी (दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट) निर्माण ढांचे में कमी के मुद्दे को बढ़ाचढ़ाकर पेश कर रही है ताकि रियायती समझौते से पीछा छुड़ा सके.'