मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी महासचिव प्रकाश करात ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके सहयोगी बेशर्म हो गए हैं, इसलिए वे कह रहे हैं कि कोयला खंड आवंटन में कुछ भी गलत नहीं है.
करात ने माकपा के प्रथम सचिव पी सुंदरैया के शताब्दी जयंती समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि हमने कुछ भी गलत नहीं किया और अन्य मंत्री कह रहे हैं कि कोयला खंड आवंटन में शून्य घाटा हुआ. वे ये बातें कह रहे हैं, वे बेशर्म हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में सत्ता में आने के बाद संप्रग सरकार ने पूंजीपतियों एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों को प्राकृतिक संसाधन लूटने का मौका दे दिया और कोयला खंड आवंटन उन्हीं बुरे उदाहरणों में एक है.
करात ने कहा कि भाजपा कोयला खंड आवंटन मुद्दे पर प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांग रही है. प्रधानमंत्री ने कहा है कि संप्रग सरकार पिछली राजग सरकार द्वारा तैयार उदार आर्थिक नीतियों पर चल रही है. हम इस मुद्दे पर न तो भाजपा का और न ही संप्रग का समर्थन करते हैं.
उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह गुटनिरपेक्ष देशों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए ईरान में हैं लेकिन भारत गुट निरपेक्ष आंदोलन के मार्ग से भटक गया है. उसकी विदेशी नीति साम्राज्यवादी अमेरिका तय कर रहा है. उसी ने ही भारत को ईरान से तेल आयात में 40 फीसदी की कटौती करने के लिए बाध्य किया.