भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में किए गए सवालों से बचते हुए कहा कि पार्टी के पास इसके लिए बहुत से ‘अच्छे चेहरे’ हैं और समय आने पर निर्णय किया जाएगा.
उन्होंने इन प्रश्नों के उत्तर को भी टाल दिया कि उत्तर प्रदेश सहित इन दिनों हो रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे क्या अगले साल समाप्त हो रहे उनके पार्टी अध्यक्ष के कार्यकाल को विस्तार मिलने या नहीं मिलने पर असर डालेंगे. गडकरी ने इतना जरूर कहा कि भाजपा को कर्नाटक के चिंताजनक मुद्दों को हल करने की आवश्यकता है.
नई दिल्ली में महिला पत्रकारों से लंबी बातचीत के दौरान भाजपा प्रमुख ने प्रधानमंत्री पद के पार्टी के भावी उम्मीदवार के बारे में पत्ते नहीं खोलते हुए कहा, ‘इस बारे में उचित समय पर निर्णय होगा. कांग्रेस तक ने अभी नहीं बताया है कि आगामी आम चुनाव में उसकी ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा.’ उन्होंने कहा कि उचित समय आने पर उनका दल ‘इस संबंध में एक पल में फैसला कर लेगा. हमारे पास ढेर सारे अच्छे चेहरे हैं.’
नरेन्द्र मोदी के विधानसभा चुनावों के प्रचार में नहीं आने के बारे में यह पूछे जाने पर कि क्या इसका मतलब यह लगाया जाए कि गुजरात के बाहर पार्टी को उनकी जरूरत नहीं है, गडकरी ने कहा, पहली बात तो यह कि वह अपने राज्य के कार्यो में व्यस्त हैं और साथ ही यह भी कि भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है.
उत्तर प्रदेश के बारे में उन्होंने कहा कि वहां कई लोगों के पार्टी छोड़ देने से कठिन स्थिति बनी थी, लेकिन नेताओं ने अपनी पूरी क्षमता लगा दी. उन्होंने कहा, ‘वहां के चुनावी नतीजों की भविष्यवाणी कर पाना मुश्किल है लेकिन मुझे बहुत उम्मीदें हैं.’ उन्होंने कहा कि संजय जोशी, नरेन्द्र तोमर और खासकर उमा भारती की भूमिका से प्रदेश में पार्टी को काफी लाभ मिला है.
वरुण गांधी की उस टिप्पणी पर उन्होंने आपत्ति जताई जिसमें कहा गया था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा के पास 55 उम्मीदवार हैं. उन्होंने कहा ऐसी टिप्पणियां पार्टी के लिए अच्छी नहीं हैं. गडकरी ने कहा, ‘वरुण ने जो कहा उचित नहीं है. मैं अपनी पार्टी के सदस्यों की बयानबाजी से चिंतित हूं. मैंने इस टिप्पणी पर संज्ञान लिया है.’
संप्रग सरकार पर प्रहार करते हुए मुख्य विपक्षी दल के प्रमुख ने कहा केन्द्र में आर्थिक मामलों की नीति को गति देने की कमी है. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि यह सरकार विपक्ष के प्रति ‘बदले की भावना’ रखती है और राजनीतिक हित पूर्ति के लिए सीबीआई का दुरूपयोग कर रही है. 2013 में समाप्त हो रहे पार्टी अध्यक्ष के अपने कार्यकाल का विस्तार मिलने की संभावनों के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी कोई पद नहीं मांगा. मुझे जो भी पद पार्टी सौंपेगी, मैं उस पर काम करूंगा.’
भाजपा शासित कर्नाटक विधानसभा में दो तत्कालीन मंत्रियों द्वारा मोबाइल फोन पर अश्लील फिल्म देखे जाने की घटना पर गडकरी ने स्वीकार किया कि वहां स्थिति को बेहतर करने की गुंजाइश है. उन्होंने कहा, ‘मैंने कर्नाटक के बारे में पार्टी के वरिष्ठ लोगों से चर्चा की है. जहां तक वहां की सरकार के विकास कार्यों की बात है उसका अच्छा प्रदर्शन है. लेकिन मैं स्वीकार करता हूं कि पार्टी में कुछ मामलों में सुधार करने की जरूरत है.’