संकट में फंसी किंगफिशर एयरलाइंस के निजात पाने के प्रयासों को बल मिला है, क्योंकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि सरकार निजी कैरियर की मदद के लिए तरीके खोजेगी.
मनमोहन सिंह के बयान से पूर्व किंगफिशर के मालिक विजय माल्या ने सवाल किया था कि क्या हानि वाले मार्गों पर उड़ान भरना उनकी निजी विमानन कंपनी का ‘कर्तव्य’ है?
घाटे में चल रही एयरलाइंस ने अपनी 60 उड़ानें रद्द कर दीं, जिससे सोमवार से रद्द हुईं कुल उड़ानों की संख्या 210 हो गई है. उड़ानों के रद्द होने से हजारों यात्रियों को असुविधा झेलनी पड़ रही है.
मनमोहन सिंह ने मालदीव से लौटते हुए विशेष विमान में संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने किंगफिशर की समस्याओं पर अपना ध्यान नहीं दिया है. जब मैं लौटूंगा तो (नागरिक उड्डयन मंत्री) व्यालार रवि से बात करूंगा.’ उन्होंने कहा कि एयरलाइंस को मदद पहुंचाने के लिए तरीके खोजे जाएंगे.
मनमोहन सिंह ने साथ ही कहा कि निजी एयरलाइंस का प्रबंधन निपुणता से होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘लेकिन अगर वे परेशानियों में फंसेंगे, तो हमें उनकी मदद करने के लिए तरीके खोजने होंगे.’ रवि ने इससे पहले कहा था कि सरकार के पास कोई राहत पैकेज लंबित नहीं है.