प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपनी तीन दिनों की यात्रा पर रविवार को म्यांमार पहुंचे. प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान तेल सम्पदा से सम्पन्न इस पूर्वी पड़ोसी देश के साथ व्यापार बढ़ाने और सड़क सम्पर्क कायम करने के लिए एक रूपरेखा तैयार की जाएगी.
म्यांमार हवाईअड्डे पर गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं म्यांमार के नेतृत्व के साथ अपनी बैठकों को लेकर आशान्वित हूं.' म्यांमार रवाना होने से पहले मनमोहन सिंह ने नई दिल्ली में कहा कि वह पड़ोसी देश के साथ सम्बंधों को मजबूत बनाने की पहल करेंगे.
प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा, 'हम नए प्रस्तावों पर विचार करेंगे और आने वाले सालों में अपने सहयोग को बढ़ाने के लिए एक रूपरेखा तैयार करेंगे.' मनमोहन सिंह ने लोकतंत्र की तरफ लौटने और विपक्ष के साथ समावेशी सुलह प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति थेन सिएन द्वारा उठाए गए कदमों की प्रशंसा की.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'लोकतांत्रिक प्रशासन की तरफ लौटने पर भारत, म्यांमार का स्वागत करता है. हम अपने लोकतांत्रिक अनुभवों को म्यांमार के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं.' मनमोहन सिंह म्यांमार के राष्ट्रपति थेन से सोमवार को राजधानी नेपेडा में मुलाकात करेंगे, जो यहां की अर्ध नागरिक सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं और जिन्होंने पिछले करीब एक साल में देश में कई राजनीतिक सुधार किए हैं.
प्रधानमंत्री मंगलवार को यंगून जाएंगे, जहां उनकी मुलाकात लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची से होगी. उनके साथ उनकी पत्नी गुरशरण कौर, विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी हैं.
पिछले करीब 25 सालों में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली म्यांमार यात्रा है. इससे पहले वर्ष 1987 में राजीव गांधी बतौर प्रधानमंत्री म्यांमार के दौरे पर गए थे.
प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान मुख्य जोर द्विपक्षीय व्यापारिक सहयोग बढ़ाने और दोनों देशों के बीच सम्पर्क शुरू करने पर होगा. मनमोहन सिंह 'इंडिया एंड म्यांमार : ए पार्टनरशिप फॉर प्रोग्रेस एंड रीजनल डेवेलपमेंट' नाम से आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे.
वह ऐतिहासिक श्वेदागोन पैगोडा और अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के यंगून स्थित मकबरे पर भी जाएंगे. विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा कि इस कार्यक्रम की रूपरेखा पिछले साल म्यांमार के राष्ट्रपति के भारत दौरे के दौरान ही तय कर ली गई थी. प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एक बस सेवा शुरू करने के समझौते पर हस्ताक्षर की भी उम्मीद है, जो मणिपुर में इम्फाल और म्यांमार मंडाले को जोड़ेगी.
प्रधानमंत्री की म्यांमार यात्रा से पहले गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. बड़ी भारतीय कम्पनियों के कार्यकारी अधिकारियों का एक दल भी प्रधानमंत्री के साथ है.