प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हाल के वैश्विक आर्थिक संकट के मद्देनजर मंगलवार को चेतावनी दी कि यदि देश मौजूदा स्थिति से नहीं उबरा तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. सिंह ने सामने खड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए व्यापक सहमति बनाने का आग्रह किया.
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के संसद को दिए सम्बोधन पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में यह भी कहा कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में कमजोर आर्थिक सुधार हुआ है और 2011 में उन देशों की विकास दर 2010-11 की आधा रही है.
सिंह ने सोमवार को लोकसभा में दिए अपने बयान को दोहराते हुए कहा, ‘हम सभी सामने खड़े इस संकटपूर्ण आर्थिक वातावरण से प्रभावित हैं.’
वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे भारत में भी उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों पर असर हुआ है, जिसके कारण मुद्रास्फीति और आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें बढ़ी हैं.
सिंह ने चेतावनी दी कि ‘यदि हम इस स्थिति से नहीं उबरे तो इसका खामियाजा भुगतना होगा.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक परिदृश्य के मद्देनजर देश का आर्थिक प्रदर्शन प्रशंसनीय रहा है. उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में उच्च विकास दर का लक्ष्य रखना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘इसके लिए हमें व्यापक सहमति बनाने की आवश्यकता है.’