आज कांग्रेस की नजर टिकी है शरद पवार पर, जो दिल्ली में मीटिंग करने वाले हैं. इस मीटिंग में एनसीपी कांग्रेस से अपने रिश्ते की रणनीति तय कर सकती है लेकिन पवार ने जिस तरह केंद्र से इस्तीफे की धमकी दी थी, कांग्रेस की सांसें अटकी हुई हैं.
कैबिनेट की मीटिंग में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बगल की कुर्सी पर कौन बैठेगा? प्रणब मुखर्जी के बाद एके एंटनी हैं सरकार के नंबर टू या मराठा क्षत्रप शरद पवार की है मनमोहन की अनुपस्थिति में सरकार चलाने की हैसियत, इसे लेकर यूपीए में तकरार तीखी हो चली है.
आज दोपहर बाद तीन बजे दिल्ली में पवार एक अहम मीटिंग करने वाले हैं, जिसमें एनसीपी-कांग्रेस से अपने रिश्ते पर आगे की रणनीति तय कर सकती है.
सरकार में पॉवर ना मिलने से पवार किस कदर नाराज हैं, इसकी झलक केंद्र से इस्तीफा देने की धमकी देकर दिखला चुके हैं लेकिन एके एंटनी से अगर पवार की तुलना की जाए तो राजनीति में कोई भी उन्नीस नजर नहीं आता.
एके एंटनी और शरद पवार दोनों ने ही इमरजेंसी के बाद पार्टी छोड़ी थी. दोनों ही पैंतीस से चालीस साल की उम्र में मुख्यमंत्री बने और तीन-तीन बार मुख्यमंत्री बने. केंद्रीय मंत्रिमंडल में दोनों को ही रक्षा और सिविल सप्लाई जैसे मंत्रालय दिए गए.
प्रणब को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद बहत्तर साल के शरद पवार को पूरी उम्मीद थी कि नंबर टू की कुर्सी उन्हें ही मिलेगी. दो हफ्ते पहले हुई मीटिंग में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बगल में पवार ही बैठे लेकिन उनका गुस्सा भड़का नंबर टू की कुर्सी कांग्रेस की ओर से एके एंटनी के लिए रिजर्व कर दिए जाने के बाद.
एनसीपी की इस नाराजगी का असर महाराष्ट्र से लेकर केंद्र तक नजर आ रहा है और अगर यूपीए टूटा तो प्रणब की जीत की खुशी में डूबी कांग्रेस की खुमारी जरूर काफूर हो सकती है.