भारत को इस वर्ष के अंत तक महाराष्ट्र के जैतापुर स्थित 9900 मेगावाट परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए फ्रांस के साथ समझौता होने की उम्मीद है. एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी.
अधिकारी ने 1650-1650 मेगावाट क्षमता के छह परमाणु रिएक्टरों के सम्बंध में प्रस्तावित समझौते का उदाहरण देते हुए शनिवार को कहा, 'वार्ता प्रक्रिया चल रही है. हमें उम्मीद है कि इस वर्ष के अंत तक इस समझौते पर अंतिम मुहर लग जाएगी.'
उन्होंने कहा, 'सौदे की प्रक्रिया अभी खत्म नहीं हुई है. इसलिए इसकी कीमत के विषय में जानकारी नहीं है. लेकिन मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि हम इस समझौते को जल्द ही पूरा कर लेंगे. जितना सम्भव हो सकेगा इसकी कीमत उतनी कम होगी.'
समझौता होने पर इस संयंत्र के लिए प्रौद्योगिकी फ्रांस की परमाणु ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख कम्पनी अरेवा उपलब्ध कराएगी. अरेवा का पहले से ही सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी न्यूक्लियर पॉवर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड एवं निजी क्षेत्र की लॉर्सन एंड टूब्रो के साथ समझौता है.
जैतापुर परमाणु संयंत्र अस्तित्व में आने के बाद विश्व का सबसे पड़ा परमाणु संयंत्र होगा. इस संयंत्र के लिए एक विस्तृत समझौता दिसम्बर 2010 में न्यूक्लियर पॉवर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड एवं अरेवा के मध्य हुआ था.
अधिकारियों का मानना है कि 1500-1500 मेगावाट क्षमता वाले समान प्रौद्योगिकी वाली परमाणु परियोजना को यूरोप में स्थापित करने पर दो अरब डॉलर की लागत आएगी. यह प्रौद्योगिकी फ्रांस एवं फिनलैंड में प्रयुक्त हो रही है.