पिछले कुछ दिनों से चला आ रहा टेनिस विवाद तब और गहरा गया जब लिएंडर पेस ने कम रैंकिंग वाले खिलाड़ी के साथ जोड़ी बनाने की दशा में लंदन ओलंपिक से हटने की धमकी दे डाली. इसके बाद अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) को टीम की घोषणा गुरुवार तक टालनी पड़ी.
पेस ने एआईटीए से कहा कि वह देश के चोटी के रैंकिंग के खिलाड़ी हैं और एटीपी रैंकिंग में सातवें नंबर पर है और वह केवल इसलिए जूनियर खिलाड़ी के साथ जोड़ी बनाने के लिये तैयार नहीं हैं क्योंकि महेश भूपति और रोहन बोपन्ना उनके साथ जोड़ी नहीं बनाना चाहते. पेस ने एआईटीए को लिखे पत्र में कहा, ‘यदि महेश और रोहन देश के लिये मेरे साथ खेलने के लिये तैयार नहीं हैं तो फिर एआईटीए अगले जिस भी सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का चयन करेगा मैं उसके साथ खेलने के लिये तैयार हूं.’
उन्होंने कहा, ‘यह स्वीकार्य नहीं होगा कि रैंकिंग के हिसाब से सर्वश्रेष्ठ भारतीय टेनिस खिलाड़ी होने के कारण मैं अपने देश के लिये पदक जीतने के लिये सर्वश्रेष्ठ विकल्प के साथ जोड़ी नहीं बनाउं और दुनिया में 207वें या 306वें नंबर के खिलाड़ी के साथ ओलंपिक में खेलूं जबकि 13 और 15वीं रैंकिंग के खिलाड़ी इस आधार पर अलग से टीम बना दें क्योंकि वे मेरे साथ नहीं खेलना चाहते हैं.’
पत्र में जिन जूनियर खिलाड़ियों का जिक्र किया गया है वह विष्णु वर्धन (207वीं रैंकिंग) और युकी भांबरी (306वीं रैंकिंग) हैं. पेस ने कहा, ‘यदि यही मामला है तो भारतीय टेनिस की खातिर और टीम के चयन में एआईटीए को राहत देने के लिये मेरे पास ओलंपिक से हटने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.’
चोटी के तीन खिलाड़ियों की भागीदारी को लेकर अनिश्चितता बनी रहने के कारण एआईटीए ने टीम की घोषणा गुरुवार तक टाल दी. अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) को प्रविष्टियां सौंपने की अंतिम तिथि भी 21 जून है. एआईटीए अधिकारी भूपति और बोपन्ना को उनका फैसला मानने के लिये मनाने का आखिरी प्रयास कर रहे हैं. ये तीनों खिलाड़ी अभी लंदन में हैं. पेस ने हालांकि दोहराया कि वह भूपति और बोपन्ना में से किसी के साथ भी जोड़ी बनाने के लिये तैयार हैं. उन्होंने कहा, ‘फिर से ओलंपिक की बात करें तो मुझे आगामी ओलंपिक में महेश या रोहन के साथ जोड़ी बनाने में कोई दिक्कत नहीं है.’
भूपति और बोपन्ना दोनों ने साफ किया कि वे इस खेल महाकुंभ में पेस के युगल जोड़ीदार नहीं बनना चाहते हैं. इन दोनों खिलाड़ियों का कहना है कि उनकी जोड़ी देश के लिये सर्वश्रेष्ठ विकल्प है क्योंकि वे पिछले छह महीने से साथ में खेल रहे हैं. इस बीच विदेश मंत्री और एआईटीए के मानद आजीवन अध्यक्ष एस एम कृष्णा ने भारत के चोटी के खिलाड़ियों से अपने व्यक्तिगत मतभेद भुलाकर देश हित में खेलने की अपील की. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को निजी मामलों के कारण देश की छवि से समझौता नहीं करना चाहिए. कृष्णा तब इस मामले में कूदे जबकि खेल मंत्री अजय माकन ने इससे किनारा किया.
उन्होंने कहा, ‘मैं वर्ष 2012 के पहले छह महीने में एटीपी रैंकिंग में टीम के तौर पर दुनिया में नंबर एक पर रहा हूं और व्यक्तिगत रैंकिंग में सातवें नंबर पर हूं. इस आधार पर मुझे ओलंपिक के पुरुष युगल में सीधा प्रवेश मिला है और मुझे अपना जोड़ीदार चुनने का अधिकार मिला है.’
पेस ने कहा, ‘मैं आपके नोटिस में यह भी लाना चाहता हूं कि सानिया मिर्जा और मुझे अपनी संयुक्त रैंकिंग 19 के आधार पर ओलंपिक के मिश्रित युगल में सीधा प्रवेश मिला है.’ एआईटीए ने पहले पेस और भूपति की जोड़ी बनायी थी लेकिन भूपति और उनके बाद बोपन्ना ने भी पेस के साथ खेलने से इन्कार कर दिया था. भूपति ने इस संबंध में खेल मंत्रालय को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि भारत जब दो टीमें भेज सकता है तब एआईटीए केवल एक टीम ही क्यों भेज रहा है. इस पर मंत्रालय ने एआईटीए ने जवाब मांगा था. एआईटीए ने खेल मंत्रालय को जवाब भेजकर पेस और भूपति की जोड़ी बनाने के कारण बताये थे. इसके बाद मंत्रालय इस मामले से हट गया और उसने एआईटीए पर फैसला छोड़ दिया था. भूपति और बोपन्ना चाहते है कि एआईटीए पेस के लिये दूसरा जोड़ीदार चुने जिन्हें रैंकिंग में शीर्ष दस में रहने के कारण लंदन खेलों के लिये ड्रा में सीधा प्रवेश मिला है.