पाकिस्तान का राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी के खिलाफ सत्ता के दुरूपयोग का मामला दर्ज करने संबंधी एक प्रस्ताव पर विचार कर रहा है जिसके तहत दोषी पाये जाने की सूरत में उन्हें 14 साल कैद की सजा हो सकती है.
दैनिक द न्यूज की खबर है कि ब्यूरो गिलानी के खिलाफ अदनान ख्वाजा को सरकारी तेल एवं गैस विकास कम्पनी का अध्यक्ष नियुक्त किये जाने के सिलसिले में मामला दर्ज करने पर विचार कर रहा है. यह नियुक्ति तब की गयी जबकि ख्वाजा पहले ही अदालत द्वारा दोषी ठहराये जा चुके थे.
एनएबी के अध्यक्ष फासिह बुखारी को शीर्ष न्यायालय उच्च स्तर पर चुनिंदा गैरकानूनी नियुक्तियों के लिये फटकार लगा चुकी है. इससे गिलानी के खिलाफ एक औपचारिक मामला दर्ज करने का रास्ता खुल सकता है.
राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के शासन के दौरान गिलानी और ख्वाजा एक साथ जेल में रह चुके हैं. शीर्ष न्यायालय ने भ्रष्टाचार के उच्च स्तरीय मामलों को फिर से खोलने में विफलता के लिये सरकार की आलोचना वाला एक आदेश दस जनवरी को जारी किया है. अखबार के अनुसार एनएबी अध्यक्ष बुखारी इस बारे में फैसला लेंगे कि वह कोई अन्य रास्ता तलाशें या फिर प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करें.
बुखारी ने दैनिक को बताया कि कानून एवं नियम के तहत प्रधानमंत्री के आदेशों पर कथित गैरकानूनी नियुक्तियों के मामलों पर कार्रवाई की जायेगी. पूर्व शासन के दौरान सचिव रहे इस्माइल कुरैशी को हाल में भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया और जमानत पर रिहा हुए है.
बताया जाता है कि उन्होंने एनएबी के जांचकर्ताओं को बताया है कि गिलानी और उनके प्रधान सचिव नरगिस सेठी ख्वाजा की नियुक्ति के लिये जिम्मेदार हैं. एनएबी सूत्रों ने बताया कि गिलानी ने एनबबी कानून की एक धारा का उल्लंघन किया है जिसके तहत 14 साल तक जेल की सजा का प्रावधान है. गिलानी 1993-96 के दौरान संसद के निचले सदन अथवा नेशनल असेम्बली के स्पीकर थे. उस दौरान सत्ता के दुरूपयोग के लिये वह पहले जेल जा चुके हैं.