पाकिस्तान की जम्हूरियत का भविष्य क्या होगा? पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की गद्दी बचेगी या राष्ट्रपति जरदारी का भ्रष्टाचार लेगा प्रधानमंत्री गिलानी की कुर्बानी? इन तमाम सवालों का जवाब आज मिल जाएगा क्योंकि आज सुप्रीम कोर्ट में होगी अहम सुनवाई. कोर्ट में खुद पीएम गिलानी पेश होंगे और अदालत राष्ट्रपति जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के केस खोलने पर फैसला सुनाएगा.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी से पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में 16 जनवरी को ही जवाब मांगा था, लेकिन अदालत को उनका जवाब नहीं मिला. इसलिए आज प्रधानमंत्री गिलानी को ही खुद ही अदालत में हाजिर होने का हुक्म दिया गया है.
जरदारी उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें मुशर्रफ ने नेशनल रिकंसिलिएशन ऑर्डिनेंस यानी एनआरओ के जरिए भ्रष्टाचार और दूसरे क्रिमिनल केसों में माफी दे दी थी. पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट एनआरओ को दो साल पहले ही रद्द कर चुका है और अब सुप्रीम कोर्ट चाहता है कि इन सबके खिलाफ मुकदमा चलाकर इनके गुनाहों की सज़ा दी जाए लेकिन गिलानी सरकार राष्ट्रपति जरदारी की ढाल बनकर खड़ी है. गिलानी सुप्रीम कोर्ट के गुस्से का अंजाम भुगतने को तैयार हैं लेकिन जरदारी के खिलाफ अदालती आदेश मानने को तैयार नहीं.
जानकारों के मुताबिक, गिलानी सुप्रीम कोर्ट के सामने हाजिर होकर कोर्ट की अवमानना के मामले में बिना शर्त माफी मांग सकते हैं. इसके अलावा वो अदालत से ये वादा भी कर सकते हैं कि वो स्विस अदालत में जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला चलाने की इजाजत दे सकते हैं लेकिन अगर कहीं वो अपने जवाब से अदालत को संतुष्ट नहीं करते हैं तो उनकी कुर्सी खतरे में पड़ सकती है. साथ ही अदालत उनके खिलाफ कोई सजा भी सुना सकती है.
दूसरी तरफ ये भी माना जा रहा है कि गिलानी जरदारी के बचाव में संविधान की दुहाई दे सकते हैं. गिलानी ये कह सकते हैं कि पाकिस्तानी संविधान के आर्टिकल 248 के तहत राष्ट्रपति को हर तरह के आपराधिक मामलों में मुकदमे से छूट का प्रावधान है. जाहिर है कि सुप्रीम कोर्ट में आज गिलानी का जवाब तय करेगा कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान की सियासी सूरत कैसी होती है.