आतंकवादी सरगना ओसामा बिन लादेन की मौत के करीब एक साल बाद पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) ने दावा किया है कि उसने अलकायदा आतंकी को ढूंढने में अमेरिका की मदद की थी.
अमेरिकी कमांडोज ने पाकिस्तान के एबटाबाद में दो मई को ओसामा को उसके ठिकाने पर मार गिराया था. इसके बाद अमेरिका व पाकिस्तान के संबंधों में तनाव आ गया था.
आईएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'वाशिंगटन पोस्ट' से कहा, 'ओसामा के ठिकाने की जानकारी वास्तव में हमने दी थी.' वाशिंगटन ने आईएसआई के इस दावे पर संशय जताया है.
ओसामा के ठिकाने पर अमेरिका के गोपनीय हेलीकॉप्टरों की उड़ान के बाद पाकिस्तानी सेना ने कहा था कि उसे बीते छह साल से यहां ओसामा की मौजूदगी के संबंध में कोई जानकारी नहीं थी. शुक्रवार को आईएसआई के दो अधिकारियों ने दैनिक से बात की.
एक का कहना था कि आईएसआई के नए प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जहीर उल-इस्लाम इस जासूसी एजेंसी की अंतर्राष्ट्रीय छवि सुधारना चाहते हैं.
अधिकारी ने कहा, 'दुनिया में कहीं पर भी अलकायदा के खिलाफ कार्रवाई हमारी मदद से हुई है.'
दूसरे अधिकारी ने कहा कि आईएसआई ने सीआईए को एक सेलफोन नंबर दिया था जिससे अलकायदा दूत अबु अहमद अल-कुवैत तक पहुंचने में मदद मिली.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने कहा कि नवंबर 2010 में उन्होंने सीआईए को यह नंबर दिया. साथ ही यह जानकारी भी दी कि ओसामा को अंतिम बार एबटाबाद में देखा गया.
उनका दावा था कि वह नहीं जानते थे कि वह नंबर अलकायदा दूत का है. वैसे सीआईए के लोगों ने इस संबंध में बाद में पाकिस्तानियों को कोई जानकारी नहीं दी.
अधिकारियों ने कहा कि सीआईए को पता था कि यह नंबर किसका है. दूसरे अधिकारी ने इसे घोर विश्वासघात की कहानी बताया.