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पाकिस्तानी पनाहगाहें अफगान युद्ध में बाधा: अमेरिका

अमेरिकी सेना के एक वरिष्ठ कमान अधिकारी के अनुसार, पाकिस्तानी पनाहगाहें और भ्रष्टाचार, दो ऐसे कारक हैं, जिनके कारण अफगानिस्तान में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के बलों की प्रगति बाधित हो रही है.

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बराक ओबामा
बराक ओबामा

अमेरिकी सेना के एक वरिष्ठ कमान अधिकारी के अनुसार, पाकिस्तानी पनाहगाहें और भ्रष्टाचार, दो ऐसे कारक हैं, जिनके कारण अफगानिस्तान में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के बलों की प्रगति बाधित हो रही है.

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दूसरे मरीन डिविजन के कमान अधिकारी और दक्षिण-पश्चिम क्षेत्रीय कमान के पूर्व कमान अधिकारी मेजर जनरल जॉन ए. टूलैन ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि अफगानिस्तान के अंदर सक्रिय आतंकवादी संगठनों को पाकिस्तान सुरक्षित पनाह मुहैया कराता है.

टूलैन ने कहा कि पाकिस्तान की समस्या ने, क्षेत्रीय कमान में वर्ष भर लम्बे उनके दौरे के दौरान उन्हें निराश कर दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के अंदर दो स्थान खासतौर से समस्याग्रस्त थे- स्पिन बुलडक के पास स्थित पाकिस्तानी शहर चामन और बहराम चाह.

चामन सड़क मार्ग के जरिए कंधार में प्रवेश का एक बड़ा रास्ता है. यह एक मुक्त व्यापार का केंद्र है, जहां तालिबान ने बम निर्माण की सामग्री और आपूर्तियों का एक विशाल गुप्त भंडार जमा कर रखा है.

टूलैन ने कहा कि बहराम चाह एक ऐसी जगह है, जहां से नशीले पदार्थ देश से बाहर जाते हैं और घातक मदद देश के अंदर आती है. उन्होंने कहा, 'मैंने इसे देखा. मैंने इसे बहुत रोका.'

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टूलैन ने कहा कि पाकिस्तान की अपनी चिंताएं हैं और अफगानिस्तान के हेलमंड व निमरुज प्रांतों की सीमाओं से लगे बलूचिस्तान में अलग से अलगाववादी आंदोलन चल रहे हैं.

टूलैन ने कहा कि पाकिस्तानी सेना जानती है कि यदि उसने इन समस्याओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो वे लोग बलूचिस्तान आंदोलन को हवा देने लगेंगे, इसलिए पाकिस्तानी सेना वहां चुपचाप बैठी हुई है. और यह निराशाजनक है.

टूलैन ने कहा कि पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव जरूरी है, 'लेकिन हम पाकिस्तान सरकार को कमजोर नहीं करना चाहते.'

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