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मुशर्रफ को पता था लादेन के छुपने का ठिकाना?

आईएसआई के एक पूर्व प्रमुख ने आरोप लगाया है कि पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को पता था कि ओसामा बिन लादेन ऐबटाबाद में छुपा हुआ है और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने खुद उस सुरक्षित घर का निर्माण किया था जहां वह रहता था.

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परवेज मुशर्रफ
परवेज मुशर्रफ

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आईएसआई के एक पूर्व प्रमुख ने आरोप लगाया है कि पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को पता था कि ओसामा बिन लादेन ऐबटाबाद में छुपा हुआ है और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने खुद उस सुरक्षित घर का निर्माण किया था जहां वह रहता था.

सीआईए के पूर्व अधिकारी ब्रूस रिडेल ने पूर्व आईएसआई प्रमुख जनरल (सेवानिवृत) जियाउद्दीन ख्वाजा उर्फ जियाउद्दीन बट के हवाले से कहा है कि मुशर्रफ को ‘पता था कि लादेन ऐबटाबाद में है.’ दी डेली बीस्ट वेबसाइट पर डाले गए एक लेख में रिडेल ने आगे बट के हवाले से लिखा है कि ऐबटाबाद में लादेन का सुरक्षित घर इंटेलीजेंस ब्यूरो के पूर्व प्रमुख ब्रिगेडियर एजाज शाह के आदेश पर बनाया गया था.

रिडेल ने लेख में कहा है, ‘जियाउद्दीन का कहना है कि एजाज शाह ऐबटाबाद में लादेन को बसाने, उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और बाहरी लोगों से उसे छुपा कर रखने के लिए जिम्मेदार है और जियाउद्दीन का कहना है कि मुशर्रफ को इस सब के बारे में पता है.’ हालांकि बट ने आज जियो न्यूज चैनल के साथ बातचीत में कहा कि लेख में उनका हवाला गलत तरीके से दिया गया है. उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया.

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अमेरिकी विशेष बलों ने ऐबटाबाद में एक परिसर में सैन्य कार्रवाई के जरिए पिछले साल मई में अल कायदा प्रमुख को मार गिराया था. यह परिसर पाकिस्तानी सैन्य अकादमी से कुछ ही फर्लांग की दूरी पर था. उसके बाद से अमेरिकी अधिकारी लगातार सवाल उठा रहे हैं कि क्या पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों को देश में लादेन के छुपे होने के बारे में जानकारी नहीं थी.

कहा जाता हेै कि लादेन इस परिसर में पिछले पांच साल से रह रहा था.

रिडेल ने अपने लेख में अमेरिकी संदेह को जाहिर करते हुए लिखा है, ‘जब से नेवी सील्स ने ऐबटाबाद में लादेन को छुपा पाया तब से ही पाकिस्तान के साथ अमेरिकी संबंधों में यह सवाल उठ रहा है: किसे पता था कि वह वहां छुपा है.’ बट को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आईएसआई प्रमुख बनाया था और वह 1996- 99 के दौरान इस पद पर रहे थे.

वह पाक सेना की स्ट्रेटेजिक प्लान्स डिवीजन के पहले प्रमुख थे जो परमाणु जखीरे पर नियंत्रण रखती है. शरीफ ने बट को अक्तूबर 1999 में सेना प्रमुख बना दिया. उस समय शरीफ ने मुशर्रफ को हटाने का प्रयास किया था. लेकिन मुशर्रफ ने उसके बाद तख्तापलट के जरिए शरीफ की सरकार को अपदस्थ कर दिया.

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बट को दो साल तक एकांत में रखा गया और सेना से हटाने के साथ ही उनकी संपत्ति को कुर्क कर दिया गया.

रिडेल ने इस बात को भी रेखांकित किया है कि इसी वजह से बट का मुशर्रफ के खिलाफ इतनी कड़वाहट से बात करना समझ आता है.

उधर ब्रिगेडियर (सेवानिवृत) एजाज शाह उस समय इंटेलीजेंस ब्यूरो के प्रमुख रहे हैं जब पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो 2007 में आत्म निर्वासन से पाकिस्तान लौटी थीं.

भुट्टो ने शाह पर उनकी हत्या का प्रयास करने का आरोप लगाया था जिससे उन्होंने इनकार किया था. शाह के ब्रिटेन में पैदा हुए कश्मीरी उग्रवादी अहमद उमर सईद के साथ घनिष्ठ संबंध रहे हैं जो तीन ब्रिटिश और एक अमेरिकी के अपहरण के मामले में 1994 में भारत में जेल की सजा काट चुका है.

सईद को पाकिस्तानी उग्रवादियों द्वारा दिसंबर 2000 में कंधार जाने वाले एक भारतीय विमान का अपहरण किए जाने के बाद रिहा कर दिया गया था.

सईद पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण की साजिश का भी हिस्सा रहा था और शाह से जा मिला था.

रिडेल ने लिखा है, ‘हमें नहीं पता कि कौन लादेन की छुपने में मदद कर रहा था लेकिन हमें उनका पता लगाने की जरूरत है. यदि वह (मुशर्रफ) इस बारे में जानते थे तो अगली बार जब भी वह अमेरिका की धरती पर कदम रखें तो उनसे पूछताछ की जानी चाहिए.’ उन्होंने साथ ही लिखा है कि यदि अमेरिकी प्रशासन यह पता लगा सके कि किसने लादेन को छुपाया था तो ‘हम संभवत: जान पाएंगे कि कौन उसके उत्तराधिकारी अयमान जवाहिरी तथा अल कायदा के बाकी उग्रवादियों को छुपा रहा है.’

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