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पाक की आतंकवादी पनाहगाहें सुरक्षा के लिए चुनौती: अमेरिका

अमेरिकी रक्षा विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने अफगानिस्तान में तालिबान को कमजोर तो कर दिया है, लेकिन पाकिस्तान में आतंकवादी पनाहगाह और स्थानीय भ्रष्टाचार अभी तक कड़ी चुनौती बने हुए हैं.

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पेंटागन रिपोर्ट
पेंटागन रिपोर्ट

अमेरिकी रक्षा विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने अफगानिस्तान में तालिबान को कमजोर तो कर दिया है, लेकिन पाकिस्तान में आतंकवादी पनाहगाह और स्थानीय भ्रष्टाचार अभी तक कड़ी चुनौती बने हुए हैं.

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कांग्रेस को मंगलवार को सौंपी गई रक्षा विभाग की नई अर्धवार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, 'पाकिस्तान में तालिबान नेतृत्व वाले आतंकवाद को सुरक्षित पनाहगाहें तथा अफगान सरकार की सीमित क्षमता, सुरक्षा उपलब्धियों को टिकाऊ और स्थिर अफगानिस्तान में तब्दील करने की प्रक्रिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बने हुए हैं.'

रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी, पाकिस्तानी पनाहगाहों से निष्कंटक अपनी गतिविधियां चला रहे हैं. उदाहरण के तौर पर आतंकवादी, पाकिस्तान से सीमा पार कर लोंगर और वर्दक प्रांतों में प्रवेश कर जाते हैं और वहां से वे काबुल पर हमले करते हैं.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस रिपोर्ट पर कहा, 'चुनौतियां बरकरार हैं. उनमें से सबसे कठिन चुनौतियां निश्चितरूप से पाकिस्तानी पनाहगाह और वहां तालिबान द्वारा खुद को दुरुस्त करने, फिर से संगठित करने और हथियारबंद करने की उसकी क्षमता ही हैं.'

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तालिबान और हक्कानी नेटवर्क, पाकिस्तान के संघ शासित कबायली इलाकों को अफगान व नाटो सैनिकों पर हमले के लिए इस्तेमाल करते हैं. अफगान और नाटो के नेता लगातार पाकिस्तान से आग्रह कर रहे हैं कि वह इस समस्या को दूर करे.

अधिकारी ने कहा, 'एक जिम्मेदार देश होने के नाते पाकिस्तान का यह कर्तव्य बनता है कि वह अपनी सीमा से दूसरे इलाकों में हो रही हर तरह की हिंसा पर रोक लगाए. और हम ऐसा करने के लिए उनसे लगातार आग्रह करते रहेंगे.'

अधिकारी ने कहा कि नाटो के अभियान का मकसद तालिबान और हक्कानी नेटवर्क द्वारा सीमा पार कर अफगानिस्तान में हमले करने की क्षमता को खत्म करना है.

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