संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने कहा है कि साल 2014 के अंत तक उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के नेतृत्व वाली गठबंधन सेनाओं की अफगानिस्तान से वापसी के बाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अफगान सरकार के साथ भागीदारी जारी रखेगा.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक दो दिवसीय नाटो शिखर सम्मेलन से इतर अफगानी राष्ट्रपति हामिद करजई से मुलाकात के बाद बान ने यह टिप्पणी दी. रविवार दोपहर यहां शिखर सम्मेलन की शुरुआत हुई.
बान के प्रवक्ता ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, 'महासचिव ने कहा है कि शिकागो शिखर सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अफगानिस्तान से अंतर्राष्ट्रीय सैन्य बल की वापसी के बाद भी उसके साथ भागीदारी जारी रखेगा.'
नाटो नेतृत्व वाली गठबंधन सेना आईएसएएफ ने पहले ही अफगानिस्तान से वापसी शुरू कर दी है. पिछले साल आईएसएएफ में सैनिकों की संख्या 140,000 से भी ऊपर पहुंच गई थी.
गठबंधन सेना का ज्यादातर हिस्सा 2014 के अंत तक अफगानिस्तान छोड़ देगा और तब अफगानी सेना के वहां की सभी सुरक्षा जिम्मेदारियां संभालने की उम्मीद है.
वक्तव्य में कहा गया है, 'अफगान अधिकारियों द्वारा शासन की दिशा में उठाए गए कदमों के मद्देनजर उन्होंने कहा कि वैश्विक वित्तीय संकट के बीच दाता अफगानिस्तान को शासन के लिए दीर्घ-कालिक मदद देना जारी रखेंगे.'
वक्तव्य के मुताबिक, 'महासचिव ने विश्वसनीय व लोकतांत्रिक चुनाव कराने के लिए अफगान अधिकारियों को सहयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र की तत्परता की बात दोहराई.'
बान ने राजनीतिक सुलह, सामाजिक-आर्थिक विकास व मानवाधिकार के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने खासतौर पर युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में महिलाओं व बच्चियों की स्थिति में सुधार के परिप्रेक्ष्य में इस महत्व को रेखांकित किया.