नाराज चल रहे एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बातचीत करने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वह बहुत ही सम्मानित सहयोगी हैं और उनका ज्ञान, बुद्धिमत्ता एवं अनुभव सरकार के लिए अत्यधिक उपयोगी हैं.
कैबिनेट बैठक में गुरुवार को पवार और उनके पार्टी सहयोगी प्रफुल्ल पटेल शामिल नहीं हुए थे. सरकार में ‘दूसरे नंबर पर’ नहीं स्वीकार किये जाने से पवार सभवत: नाराज चल रहे हैं. मनमोहन सिंह ने गुरुवार रात ही पवार से बात की.
मनमोहन सिंह ने एक बयान में बताया, ‘श्री शरद पवार बहुत मूल्यवान सहयोगी हैं जिनका ज्ञान, अनुभव और बुद्धिमत्ता हमारी सरकार के लिए अत्यधिक उपयोगी है.’ पवार के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री का बयान आया. एनसीपी ने कहा है कि सरकार और गठबंधन के कामकाज को लेकर उसके कुछ गंभीर मुद्दे हैं.
एनसीपी नेता एवं भारी उद्योग मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि वे कुछ मामलों को लेकर असंतुष्ट थे जिन्हें पवार ने प्रधानमंत्री और सोनिया के साथ निजी बैठकों में उठाया. पटेल ने हालांकि कहा कि राकांपा संप्रग का अभिन्न हिस्सा बना रहेगा. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने पवार को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि संसदीय लोकतंत्र में कैबिनेट में सभी समान हैं. प्रधानमंत्री भी सभी समान लोगों के बीच पहले होते हैं. कोई ‘नंबर दो या नंबर तीन’ नहीं होता.