शनिवार को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम तय करने के लिए यूपीए की बैठक हुई लेकिन अहम सहयोगी एनसीपी बैठक में शामिल नहीं हुई तो अफवाहों ने जोर पकड़ लिया. हालांकि एनसीपी ने साफ कर दिया कि वे हामिद अंसारी की उम्मीदवारी का समर्थन करते हैं, लेकिन एनसीपी सूत्रों ने बताया कि बैठक में उसके नेता इसलिए अनुपस्थित रहे क्योंकि वे कैबिनेट की बैठकों की वरियता क्रम में फेरबदल किये जाने से नाखुश हैं. उन्हें इस बात की नाराजगी है कि एनसीपी से चर्चा किये बिना ऐसा किया गया.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने उप राष्ट्रपति पद पर हामिद अंसारी की उम्मीदवारी का स्वागत किया और कहा कि उनकी पार्टी यूपीए के फैसले के साथ है. पवार ने मुंबई में कहा कि यूपीए की बैठक में उपस्थित नहीं होने के बावजूद एनसीपी अन्य घटक दलों के साथ राय मश्विरा कर रही है और उन चर्चाओं के दौरान उनकी पार्टी ने तय किया कि अंसारी की उम्मीदवारी पर उनकी पार्टी की सहमति है.
माना जा रहा है कि पवार, रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी को नंबर 2 बनाए जाने से नाराज हैं. अभी तीन दिन पहले ही प्रधानमंत्री ममनमोहन सिंह ने रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी को कैबिनेट में औपचारिक रूप से नम्बर दो बताकर प्रणव मुखर्जी के कैबिनेट से बाहर होने के बाद नये वरियताक्रम का संकेत दिया है.
गुरुवार को ही कैबिनेट की बैठक में नया वरियताक्रम साफ देखने को मिला जब प्रधानमंत्री के बगल वाली सीट पर ए.के. एंटनी बैठे जहां अब तक मुखर्जी बैठा करते थे. मुखर्जी के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने के पहले तक पवार मुखर्जी के बाद वाली सीट पर बैठा करते थे और एंटनी पवार के बाद वाली सीट पर.
संप्रग के सत्ता में आने के आठ वर्षों में यह पहला अवसर है जब संप्रग की बैठक में एनसीपी ने हिस्सा नहीं लिया.