पेट्रोल की बेतहाशा बढ़ी कीमतों का विरोध दिनोंदिन तेजी पकड़ता जा रहा है. ममता बनर्जी पेट्रोल कीमतों को लेकर कोलकाता में रैली करने वाली हैं.
खास बात यह है कि कांग्रेस से मुलायम सिंह यादव की नजदीकियों के आफ्टर इफेक्ट्स दिखने शुरू हो गए हैं. एक कांग्रेस सांसद ने ममता बनर्जी को धमकाया कि अगर उन्हें पेट्रोल के दाम पसंद नहीं आ रहे हैं, तो वो समर्थन क्यों नहीं वापस लेतीं.
ऐसा लगता है कि कांग्रेस दीदी की दबंगई को और झेलने के मूड में नहीं है. तभी तो जब पश्चिम बंगाल की सीएम ने पेट्रोल की बढ़ी कीमतों के विरोध का ऐलान किया, तो कांग्रेस ने उन्हें तगड़ी चुनौती दी. कांग्रेस के सांसद ने कहा कि ऐसा नहीं चलेगा.
दरअसल, ममता बनर्जी ने पेट्रोल कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में रैली का ऐलान किया है. वे कोलकाता के जाधवपुर से हाजरा तक पैदल मार्च करेंगी और रैली को संबोधित करने वाली हैं. यात्रा की शुरुआत शाम साढ़े चार बजे होगी और दीदी करीब ढाई घंटे तक लगातार पैदल चलकर 10 मील की दूरी तय करेंगी.
ममता देश की पहली मुख्यमंत्री होंगी, जो एसी चैंबर छोड़कर ढाई घंटे तक 8-10 किमी सड़क पर पैदल चलेंगी. वो ये सब करेंगी पेट्रोल की कीमतों में विरोध के लिए.
उधर, ममता की रैली पर धुर विरोधी लेफ्ट अपनी सियासत चमका रहा है. हालांकि लेफ्ट पार्टियां भी पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी का विरोध कर रही हैं, लेकिन ममता की रैली को लेफ्ट के नेता सियासी ड्रामा बता रहे हैं.
बहरहाल, ममता बनर्जी लाख विरोध करें, लेकिन लगता है इस बार उनकी दाल नहीं गलने वाली है. केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि इस बार वो किसी के दबाव में नहीं झुकेगी. तभी पीएम से मुलाकात के बाद पेट्रोलियम मंत्री ने ऐलान कर दिया कि बढ़ी कीमतों को कम करना मुमकिन नहीं है.
ममता और कांग्रेस के बीच जो खेल अबतक चलता रहा है, उसमें अब उल्टी बयार बहने लगी है. अब तक दीदी कांग्रेस को समर्थन वापसी की धमकी देती आई थीं, लेकिन इस बार कांग्रेस उन्हें चुनौती दे रही है. यानी, कांग्रेस ने यूपीए 2 की तीसरी सालगिरह पर मुलायम को जो सम्मान दिया, उसका असर दिखना शुरू हो गया है.