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पिंकी ‘लड़का या लड़की’, रहस्य बरकरार....

एशियाई खेलों की स्वर्ण पदकधारी पिंकी प्रमाणिक का यह रहस्य अब भी बरकरार है कि वह लड़की नहीं लड़का है क्योंकि यहां एसएसकेएम अस्पताल में उसका ‘कैरयोटाइपिंग’ परीक्षण नहीं कराया जा सका जिसमें क्रोमोसोम पैटर्न पता किया जाता है.

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पिंकी प्रमाणिक
पिंकी प्रमाणिक

एशियाई खेलों की स्वर्ण पदकधारी पिंकी प्रमाणिक का यह रहस्य अब भी बरकरार है कि वह लड़की नहीं लड़का है क्योंकि यहां एसएसकेएम अस्पताल में उसका ‘कैरयोटाइपिंग’ परीक्षण नहीं कराया जा सका जिसमें क्रोमोसोम पैटर्न पता किया जाता है.

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ग्यारह सदस्यीय चिकित्सीय टीम ने अस्पताल में पिंकी के अनेक परीक्षण किये लेकिन लिंग निर्धारण का सबसे महत्वपूर्ण परीक्षण अब तक नही किया जा सका है.

एसएसकेएम अस्पताल के चिकित्सीय अधीक्षक तमल कांति घोष ने कहा, ‘हमने अपनी जांच में कई तरह के परीक्षण किये हैं. लेकिन कैरयोटाइपिंग टेस्ट यहां नहीं कराया जा सकता. हमारे पास इस परीक्षण की सुविधायें तो हैं लेकिन ये सिर्फ रिसर्च के उद्देश्य के लिये ही हैं.’ छह दिन पहले बरासात जनरल अस्पताल के सात सदस्यीय विशेषज्ञ टीम सीमिति सुविधाओं की वजह से प्रमाणिक का लिंग परीक्षण का पता नहीं कर पायी. जिससे यह मामला राज्य के प्रमुख अस्पताल में भेज दिया गया.

प्रमाणिक पर बलात्कार और पुरुष होने का आरोप है जो अभी न्यायिक हिरासत में है.

इस एथलीट ने दोहा एशियाई खेल 2006 की चार गुणा 400 मी रिले महिला स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था और उसे 14 जून को इन आरोपों में हिरासत में लिया गया था.

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प्रमाणिक के वकील तुहिन राय ने कहा, ‘यह पूरा मामला ही मनगढ़त है. वह महिला है और परीक्षण में भी यह साबित हो जायेगा.’

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