रेलवे के आधुनिकीकरण के मुद्दे पर बहुप्रतीक्षित सैम पित्रोदा समिति की रिपोर्ट में रेल संचार प्रणाली के पूर्ण उन्नयन पर जोर दिए जाने की उम्मीद है.
रिपोर्ट में एक केंद्रीकृत ट्रेन निगरानी प्रणाली स्थापित किए जाने की भी मांग की जाने की उम्मीद है.
यह रिपोर्ट सोमवार को पेश की जाएगी, जिसमें समिति पटरी की क्षमता और ‘मोबाइल ट्रेन रेडियो कम्यूनिकेशन’ (एमटीआरसी) का भी सुझाव दे सकती है ताकि ट्रेन चालक और नियंत्रण कक्ष के बीच मुख्य मार्गों पर निर्बाध संचार हो सके. गौरतलब है कि एमटीआरसी फिलहाल 3,000 किलोमीटर में ही है.
रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने पिछले साल सितंबर में पित्रोदा समिति का गठन किया था. आधुनिकीकरण अभियान के लिए इसके द्वारा संगठनात्मक परिवर्तन की सिफारिश किये जाने की संभावना है.
समिति ने आधुनिकीकरण अभियान के लिए सकल बजटीय समर्थन में बढ़ोतरी के लिए एक ठोस बढ़ोतरी किए जाने की भी मांग की है.
समिति रेलवे के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए अतिरिक्त भूमि के वाणिज्यिकरण का भी सुझाव दे सकती है.
पित्रोदा समिति आगामी बजट में सकल बजटीय समर्थन में तीन गुनी बढ़ोतरी करने की भी सिफारिश कर सकती है.
चूंकि रेलवे वित्तीय संकट का सामना कर रही है इसलिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाएं निजी क्षेत्र को आकषिर्त करने में अहम भूमिका निभा सकती है.