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नरेंद्र मोदी पर पोस्टर वार, जोशी और भाजपा का इनकार

भाजपा में पिछले कुछ दिनों से सार्वजनिक हुए अंतर्कलह का सिलसिला जारी रहते हुए दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय और अहमदाबाद शहर में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को फूटी आंख नहीं भाने वाले संजय जोशी के समर्थन में पोस्टर लगाए गए.

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भाजपा में पिछले कुछ दिनों से सार्वजनिक हुए अंतर्कलह का सिलसिला जारी रहते हुए दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय और अहमदाबाद शहर में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को फूटी आंख नहीं भाने वाले संजय जोशी के समर्थन में पोस्टर लगाए गए.

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इन पोस्टरों में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता के सहारे मोदी को सीधा निशाना बनाया गया था.

इनमें लिखा था, ‘छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता.’

गौरतलब है कि हाल ही में मुंबई में आयोजित भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मोदी ने इस शर्त पर उसमें शिरकत की थी पहले जोशी को इससे निकाला जाए. उनके दबाव में भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने जोशी से इस्तीफा देने का आग्रह किया.

जोशी के उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रभारी होने के चलते मोदी राज्य के विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करने भी नहीं पंहुचे और और उससे पहले दिल्ली में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी नहीं आए थे.

भाजपा नेतृत्व ने दिल्ली और अहमदाबाद में मोदी को निशाना बनाते जोशी के समर्थन वाले पोस्टर लगाए जाने की घटना को खास अहमियत नहीं देने का प्रयास करते हुए इस बात से इंकार किया कि पार्टी में कोई दरार है.

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पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘ये पार्टी के आधिकारिक पोस्टर नहीं हैं, इसलिए मुझे इनके बारे में कुछ नहीं कहना है.’ दोनों शहरों में रात में लगाए गए इन पोस्टरों को सुबह हटा लिया गया.

जोशी को मोदी के दबाव में राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटने को मजबूर किए जाने की घटना के बाद भाजपा के मुखपत्र कमल संदेश के संपाद्कीय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र पांचजन्य में भी इसकी कड़ी आलोचना की गई थी.

भाजपा मुख्यालय और अहमदाबाद में जोशी के चित्र वाले पोस्टरों में वाजपेयी की कविता की पंक्तियों के जरिए मोदी को आड़े हाथ लेने के साथ जोशी के समर्थन में लिखा है..‘कहो दिल से..संजय जोशी फिर से.’

उधर जोशी कहना है कि इन पोस्टरों के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता है. उन्होंने कहा कि यह सब कुछ उनकी जानकारी या सहमति से नहीं हुआ है, इसलिए वह नहीं कह सकते हैं कि ऐसा करने में किन लोगों का हाथ है.

पार्टी के लोगों ने स्वीकार किया है कि जोशी और मोदी के बीच खत्म होती नहीं दिख रही ये तकरार गुजरात के आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी को भारी पड़ सकती है.

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