देश में अब तक के सबसे बड़े ब्लैकआउट के एक दिन बाद मुख्य बिजली आपूर्ति कम्पनी ने बुधवार को कहा कि सभी पांच क्षेत्रों में लगभग 100 प्रतिशत विद्युत सेवाएं बहाल हो गई हैं. मंगलवार को बिजली आपूर्ति ठप होने से देश की लगभग आधी आबादी प्रभावित हुई थी.
पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन की अनुषंगी पॉवर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पोरेशन के मुताबिक पूरी दिल्ली में 2,94 मेगावॉट बिजली की मांग है, जिसे पूरा कर दिया गया है. उत्तरी क्षेत्रों में 29,546 मेगावॉट बिजली की जरूरत है, इसमें 95 प्रतिशत की आपूर्ति बहाल हो गई है.
कम्पनी ने बुधवार सुबह जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि पूर्वी क्षेत्र में मांग का 95 प्रतिशत हिस्सा बहाल हो गया है. पूर्वोत्तर, पश्चिम व दक्षिणी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति 100 प्रतिशत बहाल हो गई है. देश में 16,372 मेगावॉट की पनबिजली की उपलब्धता की वजह से यह सम्भव हो सका.
मंगलवार को देशभर में ब्लैकआउट की स्थिति पैदा हो गई थी. इससे पहले सोमवार को भी नॉर्दर्न ग्रिड फेल हो जाने से बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई थी. मंगलवार को ब्लैकआउट से 19 राज्यों में जनजीवन प्रभावित हुआ. इन राज्यों में रेल व मेट्रो सेवाएं प्रभावित हुईं व यातायात जाम की स्थितियां भी पैदा हुईं.
पॉवर ग्रिड कार्पोरेशन व उसकी अनुषंगी कम्पनियों ने बिजली पैदा करने वाली विभिन्न भारतीय व भूटान सहित अन्य देशों की विदेशी कम्पनियों से बिजली खरीदी है.
कम्पनी ने केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग में कुछ राज्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. कम्पनी का कहना है कि कुछ राज्य लगातार ज्यादा बिजली इस्तेमाल कर रहे हैं इस वजह से सोमवार व मंगलवार को यह स्थिति पैदा हुई.
इसके जवाब में आयोग ने पांच राज्यों के शीर्ष अधिकारियों को 14 अगस्त को अदालत में उपस्थित होने के लिए सम्मन जारी किया है. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखण्ड व जम्मू एवं कश्मीर के विद्युत निकायों के प्रमुखों को तलब किया गया है.