केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल उनके नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान 10 करोड़ डालर के एयर इंडिया के अनुबंध में घूसखोरी के मामले के केंद्र में आ गये. हालांकि, पटेल ने इन आरोपों को आधारहीन और हास्यास्पद बताया है.
कनाडा के एक प्रमुख अखबार ग्लोब एंड द मेल में प्रकाशित खबर में कहा गया है कि भारत में जन्मे कनाडाई नागरिक नजीर कारिगर पर पटेल को रिश्वत देने का मुकदमा चलाया जाएगा. इसमें मामले में मुंबई पुलिस के एक पूर्व प्रमुख का नाम भी शामिल है.
कारिगर पर रिश्वत देने और 2007 में बोली के साथ छेड़छाड़ का आरोप है, जिससे एयर इंडिया से अनुबंध हासिल किया जा सके. यह अनुबंध यात्री के चेहरे की पहचान करने वाली कंप्यूटरीकृत बायोमीट्रिक प्रणाली के लिए था. एयरलाइन ने अंत में इस तरह की प्रणाली की योजना को टाल ही दिया.
समाचार पत्र के अनुसार जांचकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि 2007 की शुरूआत में कारिगर ने पटेल से मुलाकात की थी. कारिगर ने राजनीतिक सहयोगी लक्ष्मण धोबले के साथ पटेल (अब भारी उद्योग मंत्री) से मुलाकात की थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि बाद में कारिगर ने बताया कि उसने किस प्रकार धोबले को 250,000 डालर दिया. यह राशि पटेल के लिये थी ताकि मंत्री अपने प्रभाव का उपयोग कर परियोजना को मंजूरी दे दें. बहरहाल, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अदालत रिकार्ड में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि पटेल ने रिश्वत ली. इस बारे में संपर्क किये जाने पर पटेल ने रिश्वत लेने की बात को इनकार किया और इसे आधारहीन एवं हास्यास्पद बताया.