केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति भवन के लम्बे-चौड़े लॉन बेहद पसंद हैं. यह बात उन्होंने स्वयं एक साक्षात्कार के दौरान कही. उनके इस रहस्यात्मक बयान ने राष्ट्रपति बनने की उनकी इच्छा जाहिर कर दी है. साथ ही इसे लेकर अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है.
एक अखबार को दिए साक्षात्कार में राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी सम्भावित उम्मीदवारी के बारे में पूछे जाने पर मुखर्जी ने कहा, 'मुझे सुबह टहलना पसंद है.. मैं अपने लॉन में करीब 40 चक्कर लगाता हूं. राष्ट्रपति भवन का लॉन बहुत बड़ा है. किसी को भी इसके 40 चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी.'
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है. उनके उत्तराधिकारी को लेकर तरह-तरह की बहस व अटकलों के बीच मुखर्जी ने कहा, 'राष्ट्रपति चुनाव में अभी समय है और इससे पहले बहुत कुछ किया जाना जरूरी है.' कांग्रेस में अपनी अपरिहार्यता को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मुखर्जी ने कहा, 'जीवन या राजनीति में कोई अपरिहार्य नहीं होता. नेहरू, इंदिरा और राजीव के बाद भी देश चला.'
वहीं, कांग्रेस के प्रवक्ता राशिद अल्वी ने राष्ट्रपति पद के लिए मुखर्जी की उम्मीदवारी पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया. अल्वी ने कहा, 'संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के घटक दलों और हमें बाहर से समर्थन दे रही पार्टियों से बातचीत जारी है. राष्ट्रपति के पद के लिए सर्वमान्य उम्मीदवार की घोषणा सही समय पर की जाएगी.'
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की ओर से मुखर्जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की चर्चाएं जोरों पर हैं. यदि ऐसा होता है कि पार्टी को विभिन्न दलों को समर्थन के लिए मनाने में आसानी हो सकती है, क्योंकि मुखर्जी की सभी राजनीतिक दलों में अच्छी पैठ है.
लेकिन कांग्रेस के संकटमोचक के रूप में जाने जाने वाले मुखर्जी की राजनीतिक योग्यता ही उनकी उम्मीदवारी के आड़े आ सकती है. कांग्रेस अपने ऐसे सूझबूझ वाले नेता को सक्रिय राजनीति से अलग कर राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने से पहले कम से कम दो बार जरूर सोचेगी.