पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने साफ कर दिया है कि आम सहमति के बगैर वे राष्ट्रपति पद का चुनाव नहीं लड़ना चाहते. सू्त्रों की माने तो एपीजे अब्दुल कलाम तब तक रायसीना रेस में शामिल नहीं होंगे जब तक उनकी उम्मीदवारी को लेकर राजनीतिक गलियारों में आम सहमति न बन जाए.
राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर सियासत के समीकरण उलझ गए हैं. उम्मीदवारी को लेकर कांग्रेस और तृणमूल आमने-सामने आ गए हैं. कांग्रेस इस बार दीदी का झटका बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है. प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी कांग्रेस के लिए साख़ का सवाल बन गई है.
प्रणब के पारिवार से जुड़े सूत्रों से खबर मिली है कि यूपीए की बैठक के बाद औपचारिक तौर पर प्रणब के नाम का ऐलान हो सकता है.
शुक्रवार शाम 4 बजे यूपीए की बैठक बुलाई गई है जिसमें कांग्रेस ने अपने सभी मुख्यमंत्रियों को तलब किया है. हालांकि ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल नहीं होंगी. वे दोपहर डेढ़ बजे कोलकाता के लिए रवाना हो जाएंगी. और मुलायम सिंह दिल्ली से रवाना हो चुके हैं, वे आगरा होते हुए लखनऊ पहुंचेंगे.
दरअसल, ममता बनर्जी और मुलायम सिंह यादव के बदले रुख़ के बाद रायसीना की रेस में अब सिर्फ़ दो नामों के बीच सिमटती हुई नज़र आ रही है. मुलायम हालांकि ख़ुलकर सामने नहीं आए हैं लेकिन ममता बनर्जी कल ही दावा कर चुकी हैं कि डॉ कलाम के नाम को मुलायम का समर्थन है.
दीदी के तेवरों से यूपीए सरकार के भविष्य को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी लगातार कांग्रेस के संपर्क में है और फ़िलहाल सरकार को कोई ख़तरा नहीं है.
उधर एनडीए, डॉ कलाम का नाम सामने आने के बाद नई उम्मीदों के रास्ते तलाश रहा है. डॉ कलाम पटना में हैं. सूत्रों से पता चला है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉ कलाम को आज दोपहर के खाने पर बुलाया है.
इस बीच, लेफ्ट ने दलित महिला के नाम का राग छेड़ दिया है. ख़बर है कि सीपीआई नेता एबी बर्धन ने इशारों में कहा है कि दलित महिला राष्ट्रपति बने. हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया.