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अब सोनिया पर भी नहीं रहा सहयोगियों को भरोसा: BJP

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर संप्रग गठबंधन में दरार पड़ने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने गुरुवार को कहा कि पहले मनमोहन सिंह सरकार के नेतृत्व पर अविश्वास जताने वाले सहयोगी दल अब सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भी सवाल उठाने लगे हैं.

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भाजपा
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राष्ट्रपति चुनाव को लेकर संप्रग गठबंधन में दरार पड़ने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने गुरुवार को कहा कि पहले मनमोहन सिंह सरकार के नेतृत्व पर अविश्वास जताने वाले सहयोगी दल अब सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भी सवाल उठाने लगे हैं.

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राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में भाजपा नीत राजग द्वारा संप्रग का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद अपने पत्ते खोले जाने की संभावना है. शुक्रवार को वरिष्ठ पार्टी नेता लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर पूर्वाह्न 11 बजे गठबंधन के नेता इस बारे में अपनी रणनीति पर मंथन करेंगे.

भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘संप्रग की प्रमुख सहयोगी तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने बुधवार को 10 जनपथ के बाहर खड़े होकर 10 जनपथ (सोनिया गांधी) द्वारा तय किये गये दो नामों को खारिज कर दिया.’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव की कवायद में यह बात स्पष्ट हो गयी है कि गठबंधन के सहयोगी दलों को कांग्रेस में भरोसा नहीं रहा है और तृणमूल तथा सपा ने यह साबित कर दिया.

उन्होंने कहा, ‘मनमोहन के नेतृत्व पर पहले ही सवाल उठे हैं और अब सोनिया के नेतृत्व पर उनके घर के सामने ही सवाल उठाया गया है.’ भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के सिलसिले में संप्रग सरकार में दरारें साफ दिखाई दे रही हैं और गठबंधन की दुहाई देने वाली सरकार में नेतृत्व, सामंजस्य और विश्वसनीयता का अभाव है.

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक नाम रख पाने में विफल रही है और उधर ममता, मुलायम ने मनमोहन सिंह का नाम इस पद के लिए आगे लाकर उन्हें प्रधानमंत्री पद से मुक्त करने की योजना बना ली है.

शाहनवाज ने कहा कि सहयोगी दल अब सिंह को प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं देखना चाहते. महंगाई को रोकने में मनमोहन और उनके काबिल वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी विफल रहे हैं. भाजपा नेता ने कहा कि जब प्रणब मुखर्जी टीवी पर बोल रहे थे तो अपेक्षा थी कि महंगाई कम करने के कुछ ठोस कदम सुझाएंगे लेकिन उन्होंने महंगाई थोड़ी बढ़ जाने की सूचना इस तरह से दी जैसे केंद्र सरकार की कोई उपलब्धि गिना रहे हों.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपनी समस्याओं से घिरी है और उसे देश से कोई मतलब नहीं है. कच्चे तेल के दाम घट गये लेकिन पेट्रोल के दाम और महंगाई पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है.

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर मनमोहन सिंह का नाम आने और भाजपा द्वारा उन्हें समर्थन की संभावना के सवाल पर शाहनवाज ने कहा, ‘मनमोहन सिंह के नेतृत्व को केवल विपक्षी दलों ने नहीं बल्कि कुछ उद्योगपतियों ने भी चुनौती दी है. उनके नेतृत्व में संप्रग एक डूबता जहाज है. जब उनके सहयोगियों को उन पर भरोसा नहीं तो देश को कैसे होगा.’

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उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष से अहंकार में बात करने वाली कांग्रेस अब सहयोगी दलों से भी अहंकार से बात कर रही है. कांग्रेस को महंगाई कम करने पर ध्यान देना चाहिए लेकिन पूरा ध्यान गठबंधन को संभालने में लग रहा है.

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर भाजपा की क्या रणनीति है, यह पूछे जाने पर शाहनवाज ने कहा कि पहले कांग्रेस अपना उम्मीदवार तय कर ले फिर भाजपा प्रतिक्रिया देगी. इस संबंध में राजग की बैठक शुक्रवार को 11 बजे आडवाणी के आवास पर होगी.

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