देश के अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान 19 जुलाई को होगा. शीर्ष संवैधानिक पद के लिए चुनावी प्रक्रिया 16 जून से शुरू हो जाएगी. मुख्य चुनाव आयुक्त वी एस संपत ने संवाददाताओं को बताया कि चुनाव के लिए आयोग की अधिसूचना 16 जून को जारी होगी. नामांकन पत्र भरने की अंतिम तारीख 30 जून होगी. नामांकन पत्रों की जांच दो जुलाई को की जाएगी जबकि नामांकन पत्र चार जुलाई को वापस लिये जा सकेंगे. उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो 19 जुलाई को मतदान होगा और 22 जुलाई को मतगणना होगी. मौजूदा राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है.
वर्तमान राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का 24 जुलाई को कार्यकाल समाप्त होने से पहले नए राष्ट्रपति की चुनाव प्रक्रिया पूरी होनी है. राष्ट्रपति पद के लिए पिछली बार हुए चुनाव की अधिसूचना 13 जून को जारी की गई थी.
नए मुख्य चुनाव आयुक्त का सोमवार को कार्यभार संभालने पर वी एस संपत ने कहा था, ‘राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सभी तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं और इसके कार्यक्रम की जल्द ही घोषणा करदी जाएगी.’
राष्ट्रपति चुनाव का कार्यक्रम इस प्रकार है:
अधिसूचना जारी होने की तिथि: 16 जून
नामांकन की अंतिम तिथि: 30 जून
नाम वापस लेने की अंतिम तिथि: 4 जुलाई
मतदान की तिथि: 19 जुलाई
मतगणना की तिथि: 22 जुलाई
राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचन मंडल करता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघशासित क्षेत्र पुडुचेरी सहित सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं. राज्यसभा, लोकसभा या विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य निर्वाचन मंडल में शामिल होने की अर्हता नहीं रखते इसलिए वे चुनाव में शामिल नहीं हो सकते.
आयोग ने केन्द्र सरकार से विचार विमर्श कर राज्यसभा के महासचिव को चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करने का फैसला किया है. दिल्ली और पुडुचेरी सहित सभी राज्यों की राजधानियों में सहायक निर्वाचन अधिकारियों की नियुक्ति का भी फैसला किया गया है.
निर्वाचन मंडल में सदस्यों की संख्या 4896 है. कुल 776 सदस्य संसद के और दिल्ली एवं पुडुचेरी सहित राज्यों की विधानसभाओं के 4120 सदस्य इसमें हैं. मतों का कुल मूल्य दस लाख 98 हजार 882 है, जिसमें से विधायकों के मतों का मूल्य पांच लाख 49 हजार 474 और सांसदों के मतों का मूल्य पांच लाख 49 हजार 408 है. चुनाव के लिए जमानत राशि 15 हजार रुपये होगी.
दिल्ली और पुडुचेरी सहित राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी राष्ट्रपति चुनाव के लिए नियुक्त सहायक निर्वाचन अधिकारियों के साथ समन्वय कर चुनाव संचालित करेंगे. आम तौर पर सांसद नई दिल्ली में मतदान करते हैं और विधायक अपने संबद्ध राज्यों की राजधानियों में लेकिन विशेष आपात स्थिति में सांसद राज्य की राजधानियों में किसी मतदान केन्द्र पर मतदान कर सकेंगे जबकि नई दिल्ली में मतदान का इच्छुक विधायक भी ऐसा कर सकेगा. लेकिन इसके लिए मतदान की तारीख से कम से कम दस दिन पहले चुनाव आयोग तक आवेदन पहुंचना चाहिए.
आवेदन का प्रारूप निर्वाचन अधिकारी और सहायक निर्वाचन अधिकारियों के पास मौजूद रहेगा. आयोग ने चुनाव के हर पहलू से जुडी जानकारियों वाली एक व्यापक बुकलेट तैयार की है. इसकी प्रतियां 25 रुपये प्रति कापी के हिसाब से हासिल की जा सकती हैं. प्रतियां आयोग के बिक्री काउंटर या राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के कार्यालयों से हासिल की जा सकेंगी.
सांसद नई दिल्ली स्थित संसद भवन की पहली मंजिल स्थित कक्ष संख्या 63 में मतदान करेंगे जबकि विधायक आम तौर पर राज्यों की राजधानियों में स्थित विधानसभा भवनों में मतदान कर सकेंगे. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति पद की दौड़ में मौजूदा वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का नाम सबसे आगे चल रहा है हालांकि कांग्रेस पार्टी ने अब तक इस बारे में कोई संकेत नहीं दिये हैं और उसे औपचारिक रूप से अपने उम्मीदवार का नाम घोषित करना है.
राजनीतिक हलकों में तमाम लोग मुखर्जी का नाम तय मान रहे हैं लेकिन सपा, बसपा और भाजपा सहित सरकार के सहयोगी एवं सरकार के विरोधी दलों को कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार के नाम का ऐलान करने का इंतजार है. संप्रग के प्रमुख घटक दल तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बुलावे पर इस बारे में कल उनसे चर्चा करने जा रही हैं.
राकांपा नेता पी ए संगमा भी अपनी उम्मीदवारी को लेकर कई राजनीतिक दलों के नेताओं से बातचीत कर रहे हैं. उनके नाम का समर्थन तमिलनाडु की मुख्यमंत्री एवं अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता तथा बीजद प्रमुख एवं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने किया है.
कुछ दिन पहले तक उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी का नाम भी दौड़ में चल रहा था लेकिन फिलहाल उनके नाम को लेकर उतनी सरगर्मी नहीं नजर आ रही है. सपा और बसपा जैसे संप्रग को बाहर से सहयोग कर रहे दलों ने भी अपने पत्ते अब तक नहीं खोले हैं. दूसरी ओर मुख्य विपक्षी दल भाजपा को कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार के नाम के ऐलान का इंतजार है, जिसके बाद वह अपनी रणनीति तय करेगा.