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राष्ट्रपति चुनाव: तारीखों की घोषणा के साथ सरगर्मी बढ़ी

देश के 13वें राष्ट्रपति के लिए चुनावों की घोषणा के साथ ही राजनीतिक गलियारे में सरगर्मी तेज हो गई. निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 19 जुलाई को होंगे.

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वी. एस. सम्पत
वी. एस. सम्पत

देश के 13वें राष्ट्रपति के लिए चुनावों की घोषणा के साथ ही राजनीतिक गलियारे में सरगर्मी तेज हो गई. निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 19 जुलाई को होंगे.

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मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी. एस. सम्पत ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में चुनाव प्रक्रिया का खुलासा करते हुए बताया कि चुनाव की अधिसूचना 16 जून को जारी की जाएगी और नामांकन की अंतिम तारीख 30 जून होगी. दो जुलाई को नामांकन पत्रों की जांच और चार जुलाई तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे. मतदान 19 जुलाई को होगा और वोटों की गिनती राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के अवकाश ग्रहण से दो दिन पहले 22 जुलाई को होगी.

पाटील का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. सम्पत ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने केंद्र सरकार से बातचीत करने के बाद राज्यसभा के महासचिव वी. के. अग्निहोत्री को राष्ट्रपति चुनाव का निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करने का फैसला किया है.

उधर, इस सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए प्रत्याशी का नाम न तो सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से और न ही प्रतिपक्ष की ओर से तय हो पाया है. चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के साथ ही सत्ताधारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) और प्रतिपक्षी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सरगर्मी बढ़ गई है.

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संप्रग प्रत्याशी के रूप में केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का नाम जोर-शोर से लिया जा रहा है. हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संप्रग के संभावित प्रत्याशी प्रणव मुखर्जी की राह का रोड़ा दिख रही हैं. राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने के बीच कांग्रेस ने सिर्फ इतना ही कहा है कि प्रत्याशी को लेकर गठबंधन में कोई मतभेद नहीं है.

पार्टी के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, 'हम लगातार दोहराते रहे हैं कि संप्रग एकजुट और एकमत है.' माना जा रहा है कि बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और ममता बनर्जी की मुलाकात के बाद संप्रग प्रत्याशी पर आम राय का मसला हल हो जाएगा.

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव भी इस मुलाकात में मौजूद रहेंगे. तृणमूल कांग्रेस पर प्रणब को समर्थन देने के नाम पर पश्चिम बंगाल के लिए विशेष पैकेज की मांग करने का आरोप लग रहा है. हालांकि मंगलवार को कोलकाता से दिल्ली रवाना होने से पूर्व मुखर्जी के प्रत्याशी बनने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह मसला कांग्रेस का है.

विशेष पैकेज को लेकर आरोपों का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों मुद्दों का आपस में कोई संबंध नहीं है. ज्ञात हो कि तूणमूल कांग्रेस केंद्र सरकार में दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी है जबकि सपा भी उसे समर्थन दे रही है. राष्ट्रपति पद के कांग्रेस के उम्मीदवार की जीत के लिए उसे दोनों का समर्थन जरूरी है. संप्रग के एक और महत्वपूर्ण घटक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने मुखर्जी को समर्थने देने का संकेत दिया है.

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पार्टी के वरिष्ठ नेता डी. पी. त्रिपाठी ने कहा, 'भारत का राष्ट्रपति सभी को स्वीकार्य होना चाहिए. देश के वरिष्ठ नागरिक को पूरे देश की बधाई मिलनी चाहिए.' इस बयान से साफ हो जाता है कि पार्टी पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी. ए. सांगमा के नाम का समर्थन नहीं करने जा रही है.

इस बीच राजग के प्रमुख घटक अकाली दल (एसएडी) ने कहा है कि वह अपने गठबंधन के साथ है. एसएडी के नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में उनकी पार्टी भाजपा के साथ रहेगी.

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