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मनमोहन सिंह ने जरदारी से की मुलाकात

भारत पर लक्षित आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से कहा कि उनके देश में मुंबई हमले से जुड़े मामले में तेजी से मुकदमे का पूरा किया जाना द्विपक्षीय संबंधों में विश्वास बहाली के उपायों में एक बड़ा कदम होगा.

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मनमोहन सिंह, आसिफ अली जरदारी
मनमोहन सिंह, आसिफ अली जरदारी

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भारत पर लक्षित आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से कहा कि उनके देश में मुंबई हमले से जुड़े मामले में तेजी से मुकदमे का पूरा किया जाना द्विपक्षीय संबंधों में विश्वास बहाली के उपायों में एक बड़ा कदम होगा.

दोनों नेताओं के बीच बैठक आधे घंटे से अधिक समय तक चली. इस दौरान सिंह ने आतंकवाद पर भारत की चिंताओं पर बल दिया.

तेहरान में 16 वें गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन से इतर सिंह और जरदारी की मुलाकात के बारे संवाददाताओं को जानकारी देते हुए विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आतंकवाद से संबंधित हमारी चिंताओं को जोर शोर से रखा. उन्होंने 26 नवंबर के हमले में मुकदमे को तेजी से पूरा करने के लिए दबाव बनाया और कहा कि इस दिशा में की गई कार्रवाई विश्वास बहाली के लिए बड़ा कदम होगा.

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सिंह के साथ विदेश मंत्री एस एम कृष्णा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे जबकि जरदारी के साथ उनके पुत्र बिलावल भुट्टो, विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार और गृह मंत्री रहमान मलिक मौजूद थे.

सिंह ने जरदारी से कहा कि मुंबई हमले के संबंध में पाकिस्तान में चल रहे मुकदमे के मामले में कार्रवाई बड़ा विश्वास बहाली का कदम होगा और अविश्वास को कम करने में मददगार होगा तथा दोनों देशों के बीच भारत जिस तरह का संबंध चाहता है उसके लिए जन समर्थन तैयार करेगा.

जरदारी ने मनमोहन सिंह को पाकिस्तान आने का एकबार फिर न्योता दिया. जवाब में प्रधानमंत्री ने इसके लिए उन्हें धन्यवाद कहा. मथाई ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि वह पाकिस्तान के साथ संबंध सामान्य बनाने को काफी महत्व देते हैं और उपयुक्त समय पर उस देश की यात्रा करना चाहेंगे. वह अच्छी तरह तैयार होकर यात्रा करना चाहेंगे.

पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण सहयोग संबंध की भारत की इच्छा को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों की जटिलता को देखते हुए कदम दर कदम आगे बढ़ने की आवश्यकता है. मथाई ने बताया कि जरदारी ने 2008 के मुंबई हमले में शामिल लोगों को न्याय के दायरे में लाने के अपने देश की प्रतिबद्धता को दोहराया.

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यह बैठक मुंबई हमले में शामिल एकमात्र जीवित आतंकवादी अजमल कसाब की मौत की सजा को उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखे जाने के एक दिन बाद हुई. इससे मुंबई हमले में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भारत का मामला मजबूत हुआ. गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर किए गए आतंकवादी हमले में 166 लोग मारे गए थे.

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