सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सरकारी आवास के बाहर उनके समर्थकों द्वारा किया गया विरोध प्रदर्शन, उन लोगों की प्रतिक्रिया है, जो सरकार से नाराज हैं. अन्ना ने हालांकि अपने समर्थकों को सलाह दी कि उन्हें ऐसा करने से पहले सोच-विचार करना चाहिए.
अन्ना ने जंतर मंतर पर अपना अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने से पहले संवाददाताओं से कहा कि लोग नाराज और गुस्से में हैं, क्योंकि वे लम्बे समय से पीड़ा झेल रहे हैं लेकिन हमें ऐसा कोई कदम उठाने से पहले सोचना चाहिए, क्योंकि यह देश के प्रधानमंत्री से जुड़ा मामला है.
ज्ञात हो कि अन्ना के लगभग 100 समर्थक शनिवार शाम सुरक्षाकर्मियों को चकमा देते हुए अचानक सात रेसकोर्स मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने जमा हो गए.
हाथों में सरकार व प्रधानमंत्री विरोधी तख्तियां और बैनर लिए तथा नारेबाजी करते प्रदर्शनकारियों ने उन कोयला खदानों के आवंटन के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिन्हें उस दौरान आवंटित किया गया था जब केंद्रीय कोयला मंत्रालय का प्रभार मनमोहन सिंह के पास था. प्रदर्शनकारियों ने प्रभावी लोकपाल विधेयक की भी मांग की.