वेस्टइंडीज दौरे से पहले भारत ‘ए’ टीम के कप्तान चेतेश्वर पुजारा को क्रिस गेल से नहीं बल्कि एबी डिविलियर्स से महत्वपूर्ण सलाह मिली.
पुजारा ने कहा, ‘मैं पिछले डेढ़ महीने से रॉयल चैलेंजर बैंगलोर की तरफ से नहीं खेला लेकिन मैंने नेट्स पर वास्तव में कड़ी मेहनत की. यह मेरा वेस्टइंडीज का पहला दौरा है और इसलिए मैंने कुछ होमवर्क किया. मैंने एबी से वहां के विकेट और अपनी बल्लेबाजी के बारे में बात की.’
उन्होंने कहा, ‘डिविलियर्स ने मुझे बल्लेबाजी में तालमेल बिठाने को लेकर कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिये. इसके अलावा आरसीबी के कोच वेंकटेश प्रसाद ने कहा कि किंग्सटन को छोड़कर अन्य स्थानों की पिचें धीमी होंगी जो हमारे बल्लेबाजों के अनुकूल होंगी.’
पुजारा से जब पूछा गया कि क्या उन्हें गेल से बात करने का मौका नहीं मिला, उन्होंने मुस्कराते हुए कहा, ‘नहीं’.
पुजारा ने कहा कि उन पर इसका दबाव नहीं है कि कैरेबियाई दौरे में अच्छे प्रदर्शन से वह सीनियर टीम में वापसी कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी दबाव महसूस नहीं किया. अच्छा प्रदर्शन करने के दबाव के बजाय भारत ‘ए’ की तरफ से खेलने से काफी मनोबल बढ़ता है क्योंकि इस स्तर पर किसी भी अच्छे प्रदर्शन पर गौर किया जाएगा. हमारे अधिकतर खिलाड़ी ‘ए’ टीम की तरफ से विदेशों में खेले हैं और इसलिए हमारे पास जरूरी अनुभव है.
उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं नये सिरे से शुरुआत करूंगा. चोट से वापसी के बाद मैंने चार रणजी मैच खेले और दलीप ट्रॉफी में भी खेला. इसके अलावा मैंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से भी कुछ मैच खेले.’
कोच लालचंद राजपूत से पूछा गया कि क्या वह रोटेशन की नीति अपनाएंगे तो उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक मैच में सर्वश्रेष्ठ एकादश को उतारा जाएगा.’
बल्लेबाजों को जहां धीमे विकेटों पर कुछ राहत मिलेगी वहीं अशोक डिंडा और परविंदर अवाना जैसे गेंदबाजों के लिये काम आसान नहीं होगा.
पुजारा ने कहा, ‘हमारे गेंदबाज धीमे विकेटों पर विकेट लेने की कला जानते हैं. यह कोई समस्या नहीं है.’