भारत ने वैश्विक शासन प्रणाली के अभाव को रेखांकित करते हुए गुरुवार को गुट निरपेक्ष आंदोलन का आह्वान किया कि वह इस कमी को दूर करने में अहम भूमिका निभाए और पश्चिम एशिया व उत्तरी अफ्रीका जैसे संवेदनशील क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए तुरंत कदम उठाए.
यहां 16वें गुट निरपेक्ष सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वैश्विक शासन प्रणाली के अभाव में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा कायम रखना और अर्थतंत्र को पूर्वस्थिति में लाना अत्यंत कठिन हो गया है.
उन्होंने कहा कि हमारे आंदोलन को वैश्विक शासन प्रणाली का ढांचा तैयार करने में अहम भूमिका निभानी चाहिए. यह शासन प्रणाली प्रतिनिधियों के बीच विश्वसनीय और प्रभावकारी हो. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह आश्वस्त हैं कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष जैसी संस्थाओं में सुधार लाने के लिए सहमति बनाई जा सकती है.
मनमोहन सिंह ने कहा कि विश्व व्यापार, वित्त और निवेश के मुद्दे पर जब तक विकासशील देश मिलकर आवाज नहीं उठाएंगे, तब तक मौजूदा सममस्याओं का प्रभावकारी हल नहीं निकल सकता.
पश्चिमी एशिया और उत्तरी अफ्रीका की स्थिति पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत चूंकि लोकतांत्रिक और बहुलतावादी आकांक्षाओं का समर्थन करता है, इसलिए इस तरह के रूपांतरण में बाहरी हस्तक्षेप को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता, क्योंकि इससे आम नागरिकों की दशा और बिगड़ सकती है.