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रूस में राष्ट्रपति चुनाव में पुतिन विजयी

रूस में हुए राष्ट्रपति चुनाव में धांधली के आरोपों के बीच व्लादिमीर पुतिन ने जीत हासिल की है. चार वर्षों तक प्रधानमंत्री रहने के बाद पुतिन तीसरी बार देश के राष्ट्रपति बनेंगे.

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व्लादिमीर पुतिन
व्लादिमीर पुतिन

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रूस में हुए राष्ट्रपति चुनाव में धांधली के आरोपों के बीच व्लादिमीर पुतिन ने जीत हासिल की है. चार वर्षों तक प्रधानमंत्री रहने के बाद पुतिन तीसरी बार देश के राष्ट्रपति बनेंगे.

केंद्रीय चुनाव आयोग ने बताया कि देशभर में 90 फीसदी से अधिक इलाकों में मतगणना हो चुकी है. पुतिन को 65 फीसदी पर बढ़त हासिल थी.

अपनी जीत की घोषणा करते हुए 59 वर्षीय पुतिन ने रूसी ध्वज और बैनरों के साथ क्रेमलिन के बाहर एकत्र अपने हजारों समर्थकों से कहा कि उन्होंने खुली और ईमानदार लड़ाई में जीत हासिल की है.

मौजूदा राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव के साथ थोड़े समय के लिए बाहर निकलकर पुतिन ने देश के विभिन्न कोनों से आए अपने समर्थकों का शुक्रिया अदा किया. पुतिन ने कहा कि मैंने आपसे वादा किया था कि हम जीतेंगे और हम जीत गए. यह कहते हुए उनकी आंखों में आंसू आ गए.

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उन्होंने कहा कि हम खुली और ईमानदार लड़ाई में जीत गए हैं. हमने साबित कर दिया कि कोई भी हमपर कुछ भी थोप नहीं सकता. बैनर पर ‘पुतिन हमारे राष्ट्रपति’ और ‘हमारा पुतिन में विश्वास है’ जैसे नारे लिखे हुए थे.

उन्होंने कहा कि मतदान दर्शाते हैं कि बहुसंख्यक रूसी नागरिकों ने उनके विपक्षियों के राजनैतिक उकसावे को खारिज कर दिया है जिसका मकसद ‘रूस को नुकसान पहुंचाना और सत्ता हड़पना था.’

पुतिन के विरोधियों ने जबर्दस्त धांधली की शिकायत की और चुनाव के नतीजों को मान्यता देने से इंकार कर दिया और मध्य मास्को में प्रदर्शन का आह्वान किया. रूस के गृह मंत्रालय ने नियमों के उल्लंघन की खबरों को स्वीकार किया लेकिन कहा कि यह चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त नहीं है.

पुतिन के मुख्य प्रतिद्वंद्वी गेन्नाडी ज्युगानोव को 17.17 फीसदी मत मिले. उन्होंने कहा कि मैं इन चुनावों को निष्पक्ष, ईमानदार और उपयुक्त नहीं बता सकता. उन्होंने कहा कि मैं किसी को भी बधाई देने का कारण नहीं मानता.

केजीबी के पूर्व जासूस रहे पुतिन तीसरी बार देश के राष्ट्रपति बनेंगे. दूसरी बार राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा करने के बाद उन्होंने अपने करीबी सहायक दमित्री मेदवेदेव को राष्ट्रपति की कुर्सी सौंपते हुए खुद उनकी जगह चार साल के लिए प्रधानमंत्री बने थे.

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पुतिन इससे पहले 2000 से 2008 तक रूस के राष्ट्रपति रहे लेकिन संवैधानिक प्रावधानों के कारण लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से वंचित हो गए. उनके समक्ष चार उम्मीदवार हैं जिनमें से तीन को वह पूर्व के चुनाव में हरा चुके हैं.

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