अफगानिस्तान में विदेशी सैनिकों द्वारा कथित तौर पर पवित्र कुरान की प्रतियां जलाए जाने की घटना पर अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा के माफी मांगने के बावजूद बुधवार को काबुल व जलालाबाद में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया.
इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों में तीन लोग घायल हुए. अफगानिस्तान में पवित्र कुरान की प्रतियां कूड़े के ढेर में मिली थीं.
नाटो ने सोमवार की रात इस कचड़े के ढेर को एक गाड़ी से अमेरिकी बगराम हवाई ठिकाने पर भेजा था, जहां एक गड्ढ़े में इसे जला दिया गया. मीडिया में इसकी खबरें आने के बाद मंगलवार को ही विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए थे.
मंगलवार को बगराम हवाई ठिकाने के बाहर 2,000 से ज्यादा लोग इकट्ठे हो गए थे, जिनमें तालिबान व अलकायदा के संदिग्ध लड़ाके भी शामिल थे. उनका आरोप था कि अमेरिका व नाटो सैनिकों ने कुरान को जलाया.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब पुलिस ने शहर में प्रदर्शनकारियों को गवर्रन कार्यालय में प्रवेश से रोका तब हुई झड़पों में तीन लोग घायल हो गए. काबुल में प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और अमेरिका-विरोधी नारे लगाए. उन्होंने काबुल से जलालाबाद के लिए जाने वाला मुख्य मार्ग अवरुद्ध किया और अफगान संसद भवन तक जुलूस निकालने की योजना बनाई थी.
अफगानिस्तान में अमेरिका के नाटो कमांडर जनरल जॉन आर. एलेन ने इस घटना की जांच की घोषणा की है. पेनेटा ने कहा कि वह एलेन के जांच शुरू करने के निर्णय का समर्थन करते हैं.
उन्होंने कहा, 'मैं जांच के अंतिम परिणामों की सावधानी से समीक्षा करूंगा ताकी भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा सकें.'
बीबीसी के मुताबिक पेनेटा ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकी सेना बिना किसी अपवाद के अफगानिस्तान के लोगों के धार्मिक कार्यो का सम्मान करती है. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने कुरान जलाने की घटना की निंदा की है. तालिबान ने कहा है कि इस घटना से दुनिया के एक अरब मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई हैं.