भारतीय रिजर्व बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों को और अधिक राशि उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अपनी प्रमुख दर नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 0.75 फीसदी घटाकर 4.75 प्रतिशत कर दिया. इसके पहले सीआरआर 5.5 प्रतिशत था. रिजर्व बैंक के इस कदम से अब बैकों के पास ऋण देने के लिए अतिरिक्त धन उपलब्ध होगा.
ज्ञात हो कि रिजर्व बैंक ने करीब एक सप्ताह पहले इस वित्तीय वर्ष के लिए अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा की. इसके बाद देश के केंद्रीय बैंक की ओर से सीआरआर में कटौती की घोषणा की गई है.
रिजर्व बैंक की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'तरलता की सख्त दशाओं को हल्का करने के लिए जनवरी-2012 की तीसरी तिमाही समीक्षा में सीआरआर में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई. साथ ही बैंकिंग प्रणाली में 315 अरब रुपये डाले गए.'
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कुछ दिनों पहले दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी जिसे नीतिगत समीक्षा से पहले की सामान्य बैठक बताया गया. लेकिन इस बैठक के बाद अनुमान लगने लगा था कि बैंक अपनी प्रमुख दरों में बदलाव कर सकता है.