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विकास दर बेहतर, पर बरकरार रहेगी महंगाई: आरबीआई

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि देश की आर्थिक विकास दर मौजूदा कारोबारी साल में 2011-12 की अनुमानित 6.9 फीसदी विकास दर से थोड़ी बेहतर रहेगी, लेकिन तेल की ऊंची कीमत, कर और वेतन में वृद्धि जैसे कारणों से महंगाई बनी रहेगी.

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आरबीआई
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि देश की आर्थिक विकास दर मौजूदा कारोबारी साल में 2011-12 की अनुमानित 6.9 फीसदी विकास दर से थोड़ी बेहतर रहेगी, लेकिन तेल की ऊंची कीमत, कर और वेतन में वृद्धि जैसे कारणों से महंगाई बनी रहेगी.

रिजर्व बैंक ने 2012-13 के लिए मौद्रिक नीति की घोषणा करने से पहले 'आर्थिक और मौद्रिक विकास' रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि वर्ष 2012-13 में विकास दर में थोड़ा सुधार होगा. महंगाई में थोड़ी कमी आई है, लेकिन इसके बरकरार रहने का जोखिम बना हुआ है.

बैंक ने हालांकि कहा कि विकास को बढ़ावा देने की जरूरत है, लेकिन उसने दरों में कटौती का संकेत नहीं दिया. अधिकतर विश्लेषकों का अनुमान है कि आरबीआई मुख्य नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की कटौती करेगा. यदि ऐसा होता है, तो यह तीन वर्षो में दर में पहली कटौती होगी.

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रिजर्व बैंक ने कहा कि 2012-13 में महंगाई के वर्तमान स्तर पर बरकरार रहने की सम्भावना है. बैंक ने कहा कि तेल की ऊंची कीमत, माल भाड़ा और कर में वृद्धि और आपूर्ति से सम्बंधित ढांचागत बाधाओं के कारण महंगाई 2012-13 में वर्तमान स्तर पर बनी रह सकती है.

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च महीने में थोकमूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर मामूली घटकर 6.89 फीसदी रही, जो फरवरी में 6.95 फीसदी थी. विनिर्मित वस्तुओं में महंगाई काफी कम हुई, लेकिन खाद्य महंगाई में काफी वृद्धि दर्ज की गई.

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