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रिजर्व बैंक ने प्रमुख दरों को अपरिवर्तित रखा

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को मौद्रिक नीति की अर्ध तिमाही समीक्षा में अनुमान के अनुरूप प्रमुख ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा.

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कर्ज सस्ता होने की उम्मीद में बैठे लोगों का इंतजार लंबा करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी एक महत्वपूर्ण बैठक में नीतिगत ब्याज दरों को फिलहाल मौजूदा स्तर पर बनाए रखने का फैसला किया.

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केंद्रीय बैंक ने कहा है कि ब्याज दर में भविष्य की दिशा महंगाई के रुख पर निर्भर करेगी. केंद्रीय बैंक ने यहां मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में अल्पकालिक ब्याज दर रेपो को 7.5 प्रतिशत पर बनाए रखा. यह वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को नकदी की तात्कालिक जरूरत के लिए उधार देता है.

बैंक ने इससे पहले अभी 9 मार्च को बैंकों के लिए आरक्षित नकदी के अनुपात (सीआरआर) को 0.75 प्रतिशत घटा कर 4.75 प्रतिशत कर दिया था. रिजर्व बैंक ने कहा, ‘मौजूदा वृहद आर्थिक आकलन के आधार पर रेपो दरों को 8.5 फीसद पर कायम रखा गया है.

इसी तरह रिवर्स रेपो 7.5 प्रतिशत पर बनी रहेगी. रिजर्व बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को 4.75 प्रतिशत पर स्थिर रखा है. बैंकों को अपनी जमा को जो हिस्सा केंद्रीय बैंक के पास रखना होता है, उसे सीआरआर कहा जाता है.

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रिजर्व बैंक ने कहा, ‘आर्थिक वृद्धि में गिरावट के बावजूद महंगाई का जोखिम बना हुआ है. भविष्य में दरों का रुख महंगाई पर निर्भर करेगा.’ फरवरी माह में कुल मुद्रास्फीति बढ़कर 6.95 प्रतिशत पर पहुंच गई है जबकि रिजर्व बैंक चाहता है कि यह 5-6 फीसद के बीच सीमित रहे.

पिछले सप्ताह सीआरआर में 0.75 प्रतिशत की कटौती की गई थी, जिसे बैंकिंग तंत्र को 48,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध हुई है.

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