आरबीआई के गवर्नर डी सुब्बाराव ने 2012 में 1991 जैसे संकट का दोहराव होने से इनकार करते हुए कहा कि मौजूदा आर्थिक हालात दो दशक पहले के हालात से अलग है क्योंकि रुपया बाजार पर निर्धारित है, विदेशी मुद्रा भंडार अच्छा है और वित्तीय बाजार लचीला है.
उन्होंने कहा, ‘1991 के उलट रुपये की विनिमय दर बाजार निर्धारित है जो हमारी बहुत बड़ी मजबूती है.’
उन्होंने कहा कि भारत के पास अब 280 अरब विदेशी मुद्रा का भंडार है और वित्तीय बाजार लचीला तथा मजबूत है.